जयपुर/माउंटआबू। राजस्थान में कड़ाके की ठंड बढ़ती जा रही है और राज्य में सिरोही जिले में स्थित पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंटआबू में न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दु से छह डिग्री नीचे पहुंच गया जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ।
प्रदेश में माउंटआबू सहित करीब आधे दर्जन स्थानों पर न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दु से नीचे दर्ज किया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में माउंटआबू सबसे ठंडा स्थान रहा जहां न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री से छह डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच जाने से सुबह देर तक पर्यटक एवं अन्य लोग होटलों एवं घरों में दुबके रहे वहीं पेड़ों, बाग बगीचों, गमलों एवं गाड़ियों पर बर्फ जमी नजर आई। बाद में धूप निकलने पर राहत महसूस की जाने लगी।
माउंटआबू के बाद सीकर जिले का फतेहपुर दूसरा सबसे ठंडा स्थान रहा जहां न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दू से 1़ 8 डिग्री सेल्सियस नीचे रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह जयपुर जिले के जोबनेर में भी न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दु से 1़ 5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
मौसम विभाग के अनुसार चुरु में न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दु से 1़ 5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जो सामान्य से सात डिग्री कम था। इसी तरह सीकर में भी न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से 1़ 5 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया जो सामान्य से छह डिग्री कम रहा।
राज्य में इसके अलावा अलवर में न्यूनतम तापमान 1़ 3 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से छह डिग्री कम था। इसी तरह भीलवाड़ा में 1़ 4, पिलानी में दो, बीकानेर में 2़ 4, चित्तौड़गढ़ में 3़ 1, पाली, टोंक एवं बूंदी में 3़ 4, धौलपुर में 3़ 6, उदयपुर एवं कुंभलगढ़ में 3़ 7, अजमेर में 3़ 9, हनुमानगढ़ एवं जालोर में 4़ 4, कोटा में चार एवं गंगानगर में 4़ 5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा जोधपुर में 6़ 2 एवं जैसलमेर में सात डिग्री सिल्सियस न्यूनतम तापमान रहा।
राज्य में सबसे कम अधिकतम तापमान 15़ 2 डिग्री सेल्सियस चूरु में दर्ज किया जो सामान्य से सात डिग्री कम रहा जबकि सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान 23़ 2 डिग्री सेल्सियस बाड़मेर में दर्ज किया गया जो सामान्य से दो डिग्री कम रहा। तेज ठंड के साथ सुबह सीकर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर सहित कई जिलों में कोहरा छाये रहने से भी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदेश में कड़ाके ठंड के मद्देनजर जयपुर में स्कूलों में छुट्टियां दो-तीन दिन और बढ़ा दी गई हैं। कड़ाके की ठंड का एक-दो दिन और असर बना रहने एवं इसके बाद इसमें थोड़ी राहत मिलने की संभावना बताई जा रही है।