सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला कलक्टर अनुपमा जोरवाल ने कालन्द्री में बरलूट मार्ग पर हो रहे व्यावसायिक निर्माण को रोकने के आदेश जारी किए हैं। इतना ही नहीं इस निर्माण में नियमों की पालना को लेकर एक जांच समिति गठित की है। कथित रूप से यह व्यावसायिक परिसर की अनुमति कालन्द्री सरपंच के पति अजितसिंह व उनके भतीजे महिलपासिंह के नाम से संपरिवर्तित हुई थी।
जानकारी के अनुसार सिरोही के तत्कालीन उपखण्ड अधिकारी ने स्टेट हाई-वे संख्या 38 पर बरलूट से कालन्द्री जाने वाले राज्य मार्ग पर कालन्द्री की वर्तमान सरपंच रूक्मण कंवर के पति अजीत सिंह एवं जेठुते महिपाल सिंह देवडा की भूमि खसरा नंबर 2256, 2257, 2258 का सडक से 40 मीटर छोडते हुए वाणिज्यिक रूपान्तरण किया गया।
इस भूमि पर पीडब्ल्यूडी द्वारा 15 मीटर की दूरी पर ही व्यावसायिक निर्माण शुरू करने का एनओसी जारी करवा दिया। इसके आधार पर कालन्द्री पंचायत ने इस भूमि पर इतना ही दूरी छोड़ते हुए निर्माण कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी। इस तरह नियम विरुद्ध काम करने मे सरपंच, पीडब्ल्यूडी अधिकारी व राजस्व विभाग के कार्मिकों की मिली भगत की शिकायत जिला कलक्टर से की गई।
जिला कलेक्टर श्रीमती अनुपमा जोरवाल ने उन्हें मिली शिकायत के आधार पर बुधवार को सार्वजनिक निर्माण विभाग सिरोही के अधिशाषी अभियन्ता की अध्यक्षता में चार सदस्यों की कमेटी का गठन कर दिया है। जिसमें उपतहसीलदार कालन्द्री, भूअभिलेख निरीक्षक कालन्द्री, पटवारी कालन्द्री एवं ग्राम विकास अधिकारी ग्राम पंचायत कालन्द्री ंशामिल है।
शिकायत में आरोप यह था कि उपखण्ड अधिकारी सिरोही के आदेश क्रमांक राजस्व/2018/2112 दिनांक 22.06.2018 के तहत जारी संपरिवर्तन आदेश के बिन्दु संख्या 10(3) में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि स्टेट हाई वे के मध्य से 40 मीटर छोडकर भूमि पर निर्माण कार्य करवाया जाने का प्रावधान है।
लेकिन, सरपंच ने अपने रूतबे, पदीय अधिकारों का दुरुपयोग कर उपखण्ड अधिकारी सिरोही के आदेशों को दरकिनार किया और सडक सीमा में 20 वाणिज्यिक दुकानों का निर्माण कार्य ंशुरू कर सरकारी भूमि हडपने की भी कोशिश करने का आरोप लगा। इस शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जिला कलक्टर ने इस निर्माण कार्य को रोक दिया है। जिला कलक्टर ने राजस्थान पंचायत राज अधिनियम के उल्लंघनों की जांच भी करने के निर्देश दिए हैं।