श्रीनगर। श्रीनगर के मशहूर फार्मासिस्ट एमएल बिंद्रू की मंगलवार शाम को आतंकवादियों की गोली मारकर हत्या किए जाने से आहत उनकी बेटी श्रद्धा बिंंद्रू ने आतंकियों को चुनाैती देते हुए कहा कि वे मेरे पिता को मार सकते हैं, लेकिन उनकी आत्मा हमेशा जिंदा रहेगी।
वह कहती हैं कि मेरे पिता ने मुझे शिक्षा दी है, जबकि सभी राजनेताओं ने तुम्हें (आतंकियों को) पत्थर दिए हैं। तुम लोगों को इस्तेमाल किया जा रहा है। श्रद्धा ने पत्रकारों से बात करते हुए बगैर किसी का नाम लिए कहा कि राजनेता यही चाहते हैं कि तुम लोग बंदूक और पत्थरों का इस्तेमाल करो।
श्रद्धा ने कहा कि अगर तुम लोग पढ़े-लिखे हो, तो आकर मुझसे बात करो। मैं भले ही एक कश्मीरी हिंदू हूं, लेकिन मैंने कुरान पढ़ी है, जिसकी आयतें कहती हैं कि इंसान का सिर्फ शरीर मरता है, आत्मा जिंदा रहती है।
डॉ़ श्रद्धा ने कहा कि हमने शून्य से और मेरे पिता ने एक साइकिल से अपनी शुुरुआत की है। पिता ने हमें मजबूत बनाया है। मैं एक एसोसिएट प्रोफेसर हूं, मेरा भाई एक मशहूर डायलेक्टोलॉजिस्ट है और मेरी मां एक सशक्त कश्मीरी पंडित हैं, जो श्रीनगर में एक केमिस्ट की दुकान चलाती हैं। मेरे पिता ने इस तरह से हमें आत्मनिर्भर बनाया है।
श्रद्धा ने अपने पिता के हत्यारों को ललकारते हुए कहा कि तुमने उनके शरीर को मारा है, लेकिन उनकी आत्मा कभी नहीं मरेगी। पीछे से वार करने के लिए तुम लोग पत्थर फेंक सकते हो, आग लगा सकते हो, लेकिन अगर हिम्मत है, तो मेरे सामने आकर बात करो। मेरे पिता ने लोगों की सेवा करते हुए अपनी जान दी है, उनके जाने के बाद मेरी आंखों से बिल्कुल भी आंसू नहीं निकले हैं, उन्होंने हमें इतना मजबूत बनाया है।
श्रद्धा के भाई डॉ सिद्धार्थ बिंद्रू ने कहा कि उनके पिता के कुछ अपने सिद्धांत हैं, जो कश्मीर के लोगों की सेवा करना चाहते थे। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके पिता का अंत इस तरह से होगा।
बतौर सिद्धार्थ, उनके पिता एक साधारण केमिस्ट थे, लेकिन काम के अपने समर्पण के चलते उन्होंने यहां नाम कमाया था। वह कश्मीर के लोगों के साथ दिल से जुड़े थे और उन्होंने हमेशा स्थानीय लोगों को यहां रहने के लिए प्रेरित किया है। सभी के साथ उनका रिश्ता काफी दोस्ताना था। वह सभी के प्रति मददगार थे।