कविता भाभी रोज वज़न चेक करती थी..
68 के क़रीब क़रीब रहता था,
आज चश्मा लगाकर देखा, 88 दिखा..
बोली, हाय राम.. चश्मे का वज़न 20 किलो..!!
आज का ज्ञान..
मोजा हमेशा धो कर पहनिए,
नहीं तो हो सकता है किसी दिन
कामयाबी कदम चूमने आये और
मोजा सूंघ के मर जाये!
गुमनामी की जिंदगी जीना चाहता हूँ,
बस एक बार..
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लोन पास हो जाए!!
शाम से फिर वही 3 लाइन शुरु..
तू मेरा भाई है
एक छोटा और
गाड़ी मैं चलाऊंगा!
जिंदगी की मुसीबतें उन स्टूडेंट्स का रास्ता
कभी नहीं रोक सकतीं जो..
बचपन में पेंसिल छोटी हो जाने पर
उसके पीछे पेन का ढक्कन लगाकर,
उसे फिर से पकड़ने लायक बना लेते थे !