पप्पू के 4 बच्चे थे.
एक दिन उसने अखबार में पढ़ा कि ऐसे व्यक्ति जिनके 5 या अधिक बच्चे हैं, सरकार उन्हें 20000 रुपया महीना देगी.
यह खबर पप्पू ने अपनी पत्नी को दिखाई और बोला –
“अगर तुम नाराज़ न हो तो तुमसे एक बात कहूँ … ?”
पत्नी – “नहीं होऊंगी … कहो !”.
पप्पू – “मुझे मेरी गर्ल-फ्रेंड से भी एक बच्चा है … तुम कहो तो उसे भी अपने घर ले आऊँ … हमें ये 20000 रुपये महीने मिलने लगेंगे !”.
पत्नी – “ठीक है … ले आओ !”.
पप्पू खुशी-खुशी बच्चे को लेने चला गया. जब वह बच्चे को लेकर वापस लौटा तो देखा कि उसके 2 बच्चे गायब हैं. उसने पत्नी से पूछा –
“मुन्नू और चुन्नू कहां गए ?”……
पत्नी – “जिसके थे वो ले गया … अब अखबार बस तुम्हारे घर में ही आता है क्या?”
अध्यापिका :- ओये यहां आओ
चपरासी :- मेडम जी मेरा नाम “ओये” नही है आप मुझे नाम लेकर बुलाया करे
अध्यापिका :- अच्छा बताओ क्या नाम है तुम्हारा
चपरासी :- प्राणनाथ
अध्यापिका :- नही कोई ओर नाम बताओ,
चलो घर वाले किस नाम से बुलाते हैं ?
चपरासी:- बालम
अध्यापिका:- ये भी सही नही है चलो मोहल्ले वाले किस नाम से बुलाते हैं
चपरासी:- साजन
अध्यापिका :- ये भी ठिक नही है,
सर नेम क्या लगाते हो ?
चपरासी:- स्वामी!!
अध्यापिका जी बेहोश!
हरियाणे की लुगाइयों न अंग्रेज्जी सिखाण खात्तर टीचर आईं।
इब A फॉर एप्पल B फॉर बॉय तो समझाना आसान नहीं था इसलिए नया तरीका निकाला गया।
A फॉर अमर की बहू,
B फॉर बबलू की बहू,
C फॉर चंदर की बहू।
अच्छी तरै रटवाया, अर फेर टेस्ट लिया।
ताई कन्फ्यूज़ हो गयी।
W देख के कहणं लागी, दिक्खे तो यो मदन की बहू सै, पर टांगां न उप्पर क्यूँ करके पड़ी सै।