नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि राज्य के किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे और इस संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश 30 मई को जारी कर दिए जाएंगे।
कुमारस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि वह किसानों के कर्ज माफ नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के नेता बीएस येद्दियुरप्पा तथा इस पार्टी के अन्य नेता इस संबंध में उनके बयान को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक की जनता ने उन्हें पूरा जनादेश नहीं दिया है जिससे वह इस स्थिति में नहीं है कि किसानों की कर्ज माफी का निर्णय अकेले ले सकें। गठबंधन सरकार की अपनी मजबूरियां होती हैं और कोई बड़ा निर्णय लेने के लिए उन्हें सहयोगी दल कांग्रेस से सलाह- मशविरा करना होगा। उन्होंने कहा कि मीडिया के एक वर्ग में भी इस मुद्दे पर उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है।
कुमारस्वामी ने येदयुरप्पा की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि सरकार में आने के चंद घंटों के भीतर कोई भी बड़ा कार्य नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे सांस लेने का वक्त तो दीजिए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों का कर्ज माफ करने के बारे में विस्तार से विचार विमर्श कर रही है और दो या तीन दिन में इस बारे में घोषणा कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कर्नाटक की जनता के नाम पर शपथ ली है और इससे जाहिर है कि उन्हें कर्नाटक के लोगों के हितों की चिंता है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनकी गठबंधन जनता के प्रति पूरी तरह से जवाबदेह रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक पर उन्होंने कहा कि बैठक सौहार्दपूर्ण और सार्थक रही। इस दौरान उन्होंने मोदी के समक्ष राज्य के लोगों की ज्वलंत समस्याओं को उठाया और प्रधानमंत्री से इस बारे में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि बैठक में रायचुर, बेल्लरी तथा यरमरुस तापविद्युत संयंत्र में कोयले की कमी का मुद्दा भी उठाया गया। इन संयंत्रों में दो दिन से लेकर दो सप्ताह तक का कोयला उपलब्ध है। उन्होंने प्रधानमंत्री से कोयला मंत्रालय को इन संयंत्रों के लिए तत्काल कोयला देने का निर्देश देने का आग्रह किया।
कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को कर्नाटक सरकार से पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया है और कहा है कि संघीय व्यवस्था में केंद्र तथा राज्यों के बीच परस्पर विश्वास आवश्यक है।
मंत्रिमंडल गठन का मसला सुलझने के आसार
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी आज यहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद से मिले और मंत्रिमंडल गठन को उनसे विस्तार से चर्चा की। उनके साथ जनता दल (सेक्युलर) के महासचिव दानिश अली भी थे।
कुमारस्वामी ने आजाद के साथ मंत्रिमंडल के गठन को लेकर लंबी बातचीत की और सकारात्मक पहलू सामने आए, जिससे उम्मीद है कि जल्द ही कांग्रेस- जद(एस) गठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल गठन का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
गौरतलब है कि कुमारस्वामी ने 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, आजाद के अलावा कई गैर भाजपा दलों के नेता भी मौजूद थे।
गठबंधन सरकार के बनने के पांच दिन बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया है। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल के गठन को लेकर कांग्रेस ने अपना फार्मूला पेश किया है, जबकि जद(एस) ने अपना अलग फार्मूला रखा है।
सूत्रों का कहना कि कुमारस्वामी ने मामले को सुलझााने के लिए ही आजाद से मुलाकात की है। समझा जाता है कि पार्टी उच्चकमान की हरी झंडी मिलने के बाद ही मंत्रिमडल को मंजूरी मिल जाएगी।
कुमार स्वामी ने आज कर्नाटक भवन में पत्रकारों से कहा कि वह कांग्रेस की दया पर टिके हैं और कांग्रेस नेताओं के बिना कोई निर्णय नहीं ले सकते, उनके इस बयान के राजनीतिक गलियारों में कई अर्थ लगाए जा रहे है, उधर बीएस येद्दियुरप्पा ने भी कुमारस्वामी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, उन्होंने कहा कि कुमारस्वामी कांग्रेस के नहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं।