नयी दिल्ली । वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद् ने आपदा प्रभावित राज्यों की आर्थिक मदद के लिए अतिरिक्त कर लगाने की संभावना के बारे में केरल के प्रस्ताव पर शुक्रवार को चर्चा की और इस पर विचार के लिए मंत्रियों का सात सदस्यीय समूह बनाने का फैसला किया।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये परिषद् की यहाँ हुई 30वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि जीएसटी कानून की धारा 279ए (4)(एफ) के तहत जीएसटी परिषद् को आपदा की स्थिति में विशेष दरें लागू करने का अधिकार है। बैठक में केरल ने पिछले महीने आयी बाढ़ तथा भारी बारिश के मद्देनजर विशेष कर लगाने की अनुमति माँगी। इस पर विभिन्न राज्यों ने अपने विचार रखे। एक सलाह यह भी दी गयी कि प्रभावित राज्यों के लोगों को ही अतिरिक्त कर का बोझ वहन करना चाहिये।
जेटली ने कहा कि इस तरह का प्रस्ताव पहली बार आया है और आज का कदम हमेशा के लिए उदाहरण बन जायेगा। यह तय किया गया कि सात राज्यों के वित्त मंत्रियों का एक समूह इस मामले पर विचार करेगा। समूह में शामिल मंत्रियों के नाम एक-दो दिन में तय किये जायेंगे और कुछ सप्ताह में उसे अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। ये मंत्री पूर्वाेत्तर तथा पर्वतीय एवं तटीय राज्यों के सदस्यों को शामिल किया जायेगा। सूत्रों ने बताया कि केरल के वित्त मंत्री का समूह में रहना तय है।
वित्त मंत्री ने बताया कि समूह मुख्य रूप से पाँच प्रश्नों पर विचार करेगा। विशेष दर किसी एक राज्य पर लागू की जाये या पूरे देश में, यह सिर्फ विलसिता की तथा नुकसानदेह वस्तुओं पर लागू हो या अन्य वस्तुओं पर भी, किस तरह की और किस भीषणता वाली आपदा की स्थिति में इस व्यवस्था की अनुमति दी जानी चाहिये और संविधान के अनुरूप इस तरह के कर लगाने की क्या वैधानिक प्रक्रिया हो सकती है इस पर समूह को विचार करना है।
इसके अलावा वह इस बात पर भी अपनी रिपोर्ट देगी कि क्या राष्ट्रीय आपदा राहत कोष की व्यवस्था पर्याप्त है। कुछ राज्यों का यह भी कहना था कि सिर्फ आपदा प्रभावित राज्य में अतिरिक्त कर लगाने से व्यापारी उस राज्य से दूरी बनायेंगे और इस प्रकार राज्य को और नुकसान होगा। यह भी समूह के विचारार्थ होगा।