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Communal peace is the biggest capital, beware of those breakers: Kamal Nath - सांप्रदायिक शांति सबसे बड़ी पूंजी, इसे तोडने वालों से सावधान रहें-कमलनाथ - Sabguru News
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सांप्रदायिक शांति सबसे बड़ी पूंजी, इसे तोडने वालों से सावधान रहें-कमलनाथ

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सांप्रदायिक शांति सबसे बड़ी पूंजी, इसे तोडने वालों से सावधान रहें-कमलनाथ
Communal peace is the biggest capital, beware of those breakers: Kamal Nath
Communal peace is the biggest capital, beware of those breakers: Kamal Nath
Communal peace is the biggest capital, beware of those breakers: Kamal Nath

भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने नागरिकों से शांति, आपसी विश्वास और समाज के ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश करने वालों से सावधान रहने का आव्हान किया है।

कमलनाथ ने गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं नागरिकों को दिये अपने संदेश में कहा है कि हमें खतरा बाहरी दुश्मनों से नहीं, बल्कि समाज के भीतर पनप रहे दुश्मनों से है। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक शांति ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। यहां स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय प्रांगण में संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष चन्द्रप्रभाष शेखर ने ध्वजारोहण किया तथा कमल नाथ का संदेश पढ़ा।

इस अवसर पर महात्मा गांधी, पंडित मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, सरोजनी नायडू, आचार्य कृपलानी, लाला लाजपत राय, मौलाना अबुल कलाम आजाद, डाॅ. राम मनोहर लोहिया, बाबू जगजीवनराम, लाल बहादुर शास्त्री, अम्बेडकर जैसे महान नेताओं का स्मरण करते हुए कमल नाथ ने संविधान बनाने में योगदान देने वाले महापुरूषों और शहीदों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।

कमलनाथ ने कहा कि विविधता वाले हमारें देश में समतावादी समाज की रचना में संविधान का उल्लेखनीय योगदान है। ऐसा दस्तावेज पूरी दुनिया में कहीं नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान की छत्रछाया में स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की एक नयी पहचान बनायी।

इसी कड़ी में स्वर्गीय राजीव गांधी ने महात्मा गांधी जी की ग्रामस्वराज की अवधारणा को साकार किया। सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष रहते सर्वधर्म समभाव की विचारधारा को मजबूत किया और अब कांग्रेस की बागडोर राहुल गांधी जैसे युवा और कुशल नेतृत्व के हाथ में है। नौजवानों को रोजगार देना प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया आश्चर्य करती है कि इतनी सारी भिन्नताओं के बावजूद केवल संविधान की छाया में भारत में एकता कैसे बनी हुई है। उन्होंने कहा कि दुनिया के लिये यह आश्चर्य होगा, लेकिन आपसी भाईचारा, शांति, सद्भाव तो हमारे स्वभाव में है और यही हमारी ताकत है। उन्होंने कहा कि नौजवान पीढ़ी को रोजगार देना है। उनकी प्रतिभा का लाभ उठाना है।

मध्यप्रदेश का विकास कोई एक सरकार या एक नागरिक या एक दल की जिम्मेदारी नहीं है। आज तक मध्यप्रदेश का जो विकास हुआ है, उसमें सभी दलों, योग्य नागरिकों, किसानों, नौजवान पीढ़ी, माताओं-बहनों, व्यापारी बंधुओं का बराबर का योगदान है। हर नागरिक के योगदान को हम याद करते हैं।

कमलनाथ ने कहा कि जनता परिवर्तन लाती है और सरकार तो लोगों की उम्मीदों को पूरा करती है। सबसे पहले किसानों का कर्जा माफ किया। किसान केवल मध्यप्रदेश का निवासी नहीं विश्व के नागरिक हैं। उनकी मेहनत और खेती करने की कला के कारण नागरिकों को थाली परोसी हुई मिलती है। उन्होंने कहा कि किसानों का कर्जा माफ कर उन पर सरकार ने कर्जामाफी कर कोई एहसान का काम नहीं किया, बल्कि अपना कर्तव्य पूरा किया है।

उन्होंने सरकार के प्रारंभिक ऐतिहासिक निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश कि लगने वाले उद्योगों में 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय और प्रदेश के लोगों को दिया जायेगा। आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाकर दो हजार रूपये की गयी है। आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के लिए इंदौर, भोपाल, छिंदवाड़ा और रतलाम में चार गारमेंट पार्क भी बनाये जायेंगे। ये सभी फैसले सरकार बनने के बाद एक महीने के अंदर लिये गये। उन्होंने बच्चों के कुपोषण की चर्चा कते हुए कहा कि बच्चों में कुपोषण दूर करने दिशा में नये कदम उठाना होगा।

इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी रामेश्वर नीखरा, गोविंद गोयल, प्रकाश जैन, राजीव सिंह, भूपेन्द्र गुप्ता, कैलाश मिश्रा सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं कांग्रेसजन उपस्थित थे।