कन्याकुमारी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि देश में ऐसी स्थिति है जो इसे ‘गृहयुद्ध’ की ओर धकेल सकती है और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ इस स्थिति को सामान्य करने की दिशा में एक प्रयास है।
गहलोत ने (इनका नाम पार्टी अध्यक्ष पद के लिए संभावित रूप से चर्चा में रहा है) यात्रा के शुभारंभ से पहले यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते हैं कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करें।
राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री रहे 71 वर्षीय नेता ने 3500 किलोमीटर की यात्रा की जिक्र करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का मुकाबला करना है, साथ ही साथ आर्थिक स्थिति पर संदेश को जनता तक ले जाना है।
अशोक गहलोत ने कहा कि देश में इतना ध्रुवीकरण और नफरत है, अगर यह जारी रहा तो गृहयुद्ध होगा। उन क्षेत्रों में जहां कोई भी समुदाय अल्पसंख्यक है, उन्हें डर लगता है। उन्होंने कहा कि इससे सामाजिक ताना-बाना भी खासा कमजोर हो गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार को स्थिति और यात्रा के संदेश को समझना चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि क्या यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी को आगामी संगठनात्मक चुनावों में पार्टी अध्यक्ष के रूप में चुना जाएगा, उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि वह नेतृत्व करें क्योंकि गांधी परिवार की विश्वसनीयता सबसे अधिक है।
गहलोत ने कहा कि (कांग्रेस अध्यक्ष) सोनिया गांधी को पार्टी में शामिल होने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। हमने उनसे बार-बार अनुरोध किया। हमने उनसे कहा कि अगर कांग्रेस बिखर जाती हैं तो आने वाली पीढ़िया माफ नहीं करेंगी। उन्हें याद दिलाया कि गांधी परिवार के किसी भी सदस्य ने पिछले 30 वर्षों में सरकार में कोई पद नहीं संभाला है।
गहलोत ने कहा कि चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो भी कहेगी वह करेंगे। सभी पार्टी कार्यकर्ता उनके नेतृत्व में सभी चुनौतियों का सामना करेंगे।
गांधी के नेतृत्व में शुरू होने वाली यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरू होकर 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी। यह यात्रा प्रमुख शहरों कन्याकुमारी, तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, नीलांबुर, मैसूर, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव जमोद, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अंबाला, पठानकोट, जम्मू और श्रीनगर से होकर गुजरेगी।