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विहिप के आव्हान पर बारां जिला स्व:स्फूर्त बंद रहा, छबड़ा में कर्फ्यू जारी - Sabguru News
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विहिप के आव्हान पर बारां जिला स्व:स्फूर्त बंद रहा, छबड़ा में कर्फ्यू जारी

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विहिप के आव्हान पर बारां जिला स्व:स्फूर्त बंद रहा, छबड़ा में कर्फ्यू जारी

बारां। राजस्थान में बारां जिले के छबड़ा कस्बे में गत रविवार को हुए उपद्रव के बाद जारी कर्फ्यू शुक्रवार को छठे दिन भी जारी रहा।

वहीं विश्व हिन्दू परिषद के आव्हान एवं बारां व्यापार महासंघ समेत भाजपा एवं अन्य संगठनों के समर्थन से शुक्रवार को बारां जिला बंद के ऐलान के तहत व्यापारियों ने दोपहर 12 बजे तक बाजार बंद रखे। विहिप के आव्हान पर बारां बंद रहा। बारां के अलावा जिले के कस्बाई इलाके अन्ता, मांगरोल, अटरु, किशनगन्ज, छीपाबडोद, केलवाडा, कवाई के भी बन्द रहने के समाचार मिले हैं।

बंद के चलते बारां समेत जिलेभर में पुलिस एवं प्रशासन ने पुलिस बल का इंतजामात किये थे। बारा मे चौराहों एवं संवेदनशील इलाकों पर पुलिस जवान एएसपी विजय स्वर्णकार के नेतृत्व में तैनात रहे। सुबह से ही बंद समर्थकों को दुकानें बंद कराने के लिए कोई मशक्कत नहीं करनी पडी।

विहिप ने छबड़ा में आगजनी और तोड़फोड़ से हुए नुकसान की भरपाई, दोषी लोगों की गिरफ्तारी, निर्दोष लोगों को गिरफ्तार करने का विरोध समेत अन्य मांगो को लेकर पुलिस प्रशासन के विरूद्व बन्द का आव्हान किया था।

विहिप के प्रांतीय उपाध्यक्ष प्रतापसिंह नागदा, उपाध्यक्ष महावीर सुमन, ओम सारस्वत ने बताया कि विहिप ने बारां में उपजिला कलेक्टर को पूर्व में राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर अपनी मांगों के साथ शुकवार को सम्पूर्ण बारां जिला बंद की सूचना दे दी थी। उसके तहत जिले में बंद ऐतिहासिक सफल रहा।

सत्ता के दबाव में पुलिस, प्रशासन की अकर्मण्यता से जला छबड़ा

भारतीय जनता पार्टी ने बारां जिले के छबड़ा में 10 मार्च को चाकूबाजी की घटना के बाद दूसरे दिन रविवार को हुई आगजनी की घटना, तनाव को लेकर आरोप लगाया कि सत्ता के दबाव में पुलिस और प्रशासन की अकर्मण्यता के चलते छबड़ा में आगजनी और हिंसा हुई।

बारां जिला संगठन प्रभारी, कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि कैबिनेट मंत्री के गृह जिले में 69 दुकानें जलाने के बाद भी पुलिस एवं सरकार द्वारा कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस तलवारें लहराते हुए लोगों को रोकने के बजाय शांतिपूर्वक, संवैधानिक अधिकार से ज्ञापन देने जा रहे लोगों का दमन कर रही थी, जो सत्ताधारी नेताओं की भूमिका को स्पष्ट करता है।

जिलाध्यक्ष जगदीश मीणा ने कहा कि पुलिस, प्रशासन की ढिलाई का परिणाम आज हम सबके सामने है। अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। बेगुनाह लोग दहशत में हैं। सत्ता पक्ष तथा सरकार के मंत्री के दबाव में पुलिस एक तरफा कार्रवाई करके गुर्जर समाज के लोगों को टारगेट कर रही है, जिसे भारतीय जनता पार्टी कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।

छबड़ा विधायक प्रतापसिंह सिंघवी ने कहा कि जब उपद्रवी दुकानें जला रहे थे, तब पुलिस बल मूकदर्शक बनकर उन्हे संरक्षण दे रहा था। उन्होंने कहा कि दुकानों में हुई लूटपाट की भरपाई उन्हीं अपराधियों की संपत्ति बेच कर होनी चाहिए। दुकानदारों को हुई नुकसानी के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से अनुपातिक आधार पर मुआवजा दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि संवैधानिक अधिकार के साथ शांतिपूर्ण ढंग से ज्ञापन देने गए व्यापारियों, सामाजिक कार्यकर्त्ताओं एवं आमजन को पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। जबकि पुलिस को मौजूदगी में तलवारें, लाठियां लहरा रहे उपद्रवियों पर कोई कार्रवाई नही की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस व प्रशासन की इस प्रकार की तानाशाही नही रुकी तो भारतीय जनता पार्टी आंदोलनात्मक कदम उठाएगी।