बारां। राजस्थान में बारां जिले के छबड़ा कस्बे में रविवार को हुए उपद्रव के बाद बुधवार को भी कर्फ्यू जारी रहा।
कस्बे की 50 हजार आबादी के लोग घरों में दुबके खामोशी लिए डरे-सहमे हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है, जिससे बाहर भी नहीं निकल पा रहे। दूध की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। पुलिस ने बुधवार को दोनों पक्षों की गिरफ्तारियां करने का सिलसिला जारी रखा।
विधायक प्रतापसिंह सिंघवी, पूर्व विधायक करणसिंह राठौड अधिकारियों से मिले। छबड़ा के व्यापारियों, प्रतिष्ठितजनों ने उपजिला कलक्टर को ज्ञापन देकर घटना के बाद से लगाए गए कर्फ्यू में ढील देने की मांग करते हुए ज्ञापन दिया। उन्हें आश्वस्त किया गया कि सुबह सात से नौ बजे तक कर्फ्यू में ढील देने पर विचार किया जाएगा।
उधर, छबड़ा की घटना के बाद जिले के बारां समेत अन्य कस्बाई क्षेत्रों में बंद की गई इंटरनेट सेवाएं व्यापारियों, मीडियाकर्मियों के विरोध के बाद बारां जिला मुख्यालय की इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई हैं, लेकिन छबड़ा, छीपाबड़ौद, कवाई-अटरू, उपखण्ड क्षेत्रो में इंटरनेट सेवा बंद ही रखी गई हैं।
शनिवार को चाकूबाजी की घटना के बाद छबड़ा में हुए सांप्रदायिक बवाल के बाद लगे कर्फ्यू के बाद अब वहां शांति है। प्रशासन कर्फ्यू में ढील देने में कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है।
व्यापारियों द्वारा दिए ज्ञापन पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार का कहना है कि फिलहाल कोई विचार नहीं किया गया है। छबड़ा के बाजारों और गलियों में सन्नाटा पसरा है।
जांच में सामने आया है कि सांप्रदायिक बवाल के दौरान हुई आगजनी, तोड़फोड से 69 से अधिक दुकानों को नुकसान पहुंचा है। वहीं एक बस सहित 14 से अधिक वाहनों को उप्रदवियों ने या तो जला दिया या उसमें तोडफोड़ की है।
उपद्रव, लूटपाट और आगजनी को लेकर पुलिस आरोपियों की पहचान के साथ ही धरपकड़, लूटे गए माल की बरामदगी को लेकर कार्रवाई कर रही है। मंगलवार को 25 लोगों की गिरफ्तारी के बाद बुधवार को भी करीब तीन दर्जन लोगों की गिरफतारियां की गई हैं।
उल्लेखनीय है कि बारां के छबड़ा कस्बे में शनिवार देर शाम हुई चाकूबाजी को लेकर रविवार को दो पक्ष भिड़ गए थे। रविवार को विवाद बढ़ गया। बेकाबू भीड़ ने कस्बे में दुकानें, बसें, बाइक फूंक दीं। लूटपाट भी की। मेडिकल स्टोर तक को नहीं छोड़ा।
पथराव में कई लोगों के साथ पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करने के साथ आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। कई हवाई फायर भी किए थे।