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Complent of Illegal material supplied for agriculture land by mount abu sdm office filled to collecter - Sabguru News
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आईडिया ऑफ इंडिया-7: कलेक्टर से माउंट आबू SDM कार्यालय के निर्माण सामग्री घोटाले की शिकायत

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आईडिया ऑफ इंडिया-7: कलेक्टर से माउंट आबू SDM कार्यालय के निर्माण सामग्री घोटाले की शिकायत
शिकायकर्ता द्वारा जिला कलेक्टर को भेजी गई शिकायत में माउंट आबू के ओरिया स्थित एग्रीकल्चर लैंड में किये जा रहे निर्माण की तस्वीर।
शिकायकर्ता द्वारा जिला कलेक्टर को भेजी गई शिकायत में माउंट आबू के ओरिया स्थित एग्रीकल्चर लैंड में किये जा रहे निर्माण की तस्वीर।
शिकायकर्ता द्वारा जिला कलेक्टर को भेजी गई शिकायत में माउंट आबू के ओरिया स्थित एग्रीकल्चर लैंड में किये जा रहे निर्माण की तस्वीर।

सिरोही। माउंट आबू उपखण्ड अधिकरियों के द्वारा नेताओं के पुत्रों को लिमबड़ी कोठी ईको सेंसेटिव जोन के नोटिफिकेशन और जोनल मास्टर प्लान का उल्लंघन करने का आरोप लग रहा था।

लेकिन, एक ताजा शिकायत सामने आई है जो अगर सत्य है तो ये कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि उपखण्ड अधिकारियों को राज्य सरकार द्वारा दिए गए अधिकारों का दुरुपयोग राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत हित साधने के लिए भी किया गया है। अब इसमें उपखण्ड अधिकारियों का इन्वॉल्वमेंट है या आयुक्तों का या फिर वहां के कार्मिकों का इन्वॉल्वमेंट है ये जांच से पता चलेगा।

ओरिया की है शिकायत

ओरिया के एक एग्रीकल्चर लैंड के लिए अकूत निर्माण सामग्री जारी करने की शिकायत कलेक्टर को भेजी गई है। इसमें शिकायतकर्ता मुकेश कुमार ने बताया है कि ओरिया के रैबिट फार्म टाइटल की जमीन पर कॉटेज निर्माण किए जा रहे हैं। इसमे शिकायतकर्ता ने बताया कि ये भूमि एग्रीकल्चर है। इसमें निर्माण की अनुमति नहीं है।

इसके बावजूद इस भूमि पर निर्माण के लिए प्रशासन ने मिलीभगत करके इतनी निर्माण सामग्री जारी कर दी है कि इससे यहां पर कई कॉटेज, कमरे आदि बन गए हैं। इसे शिकायतकर्ता ने ईको सेंसेटिव ज़ोन की अधिसूचना का उल्लंघन बताया है। इस भूमि पर निर्माण सामग्री जारी करने वाले कार्मिक पर कार्रवाई की भी मांग की गई है।

इससे पहले एनजीटी में 9 सम्पत्तियों के कृषि भूमि होने पर उन पर निर्माण किए जाने का वाद दायर किया गया था। उसके बाद एसडीएम को करीब एक दर्जन से ज्यादा मामलों में कृषि भूमि पर निर्माण करने की शिकायत की गई थी। इसके बाद जिला कलेक्टर को भेजी ये शिकायत सामने आई है।

टिनेंसी एक्ट में नहीं बदल सकते भूमि की किस्म

राजस्थान टिनेंसी एक्ट के तहत हर वो व्यक्ति जो राजस्थान में कृषि भूमि खरीद रहा है, वो उस भूमि का टीनेंट यानि एक तरह का किरायेदार है। सामान्य भाषा में सारी जमीनों की वास्तविक मालिक राजस्थान सरकार है और किसी भी किस्म की जमीन की वास्तविक मालिक राजस्थान सरकार है।

पट्टे और जमाबंदी के माध्यम से वो हमें सिर्फ इसका यूजर होने का अधिकार देती है। ऐसे में जिस काम के लिए भूमि का उपयोग करने का अधिकार दिया गया है उसकी किस्म में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। यदि ऐसा करते हैं तो राजस्थान टिनेंसी एक्ट की धारा 177 के तहत तहसीलदार उपखण्ड अधिकारी के यहां वाद दायर करके उस भूमि को राजसात कर सकता है।

जैसा कि एक मुहिम के तहत कलेक्टर सन्देश नायक के कार्यकाल के दौरान जिले भर में ऐसी कई भूमियों पर कार्रवाई की गई थी। माउंट आबू में भी करीब आधा दर्जन ऐसी सम्पत्तियां हैं जिन पर उस समय ऐसी कार्रवाई की गई थी। हाल में भावरी के एक विद्यालय की भूमि पर भी ऐसी कार्रवाई की गई थी।