जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के सामने धरना देने वाले अतिरिक्त जिला न्यायाधीश आरके श्रीवास को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई है।
बार-बार स्थानांतरण किए जाने के खिलाफ एडीजे आरके श्रीवास ने उच्च न्यायालय के सामने 1 अगस्त 2017 से तीन दिन का सांकेतिक धरना दिया था। सांकेतिक धरना समाप्त करने बाद 8 अगस्त 2017 को उन्होंने नीमच जाकर कार्यभार संभाला था और उसी दिन उन्हें निलंबित कर दिया था।
इसके बाद एडीजे श्रीवास 19 अगस्त को नीमच से साइकिल से न्याय यात्रा निकालते हुए 26 अगस्त को जबलपुर पहुंचे थे। जबलपुर में उन्होंने उच्च न्यायालय के सामने पुन: धरना दिया था। धरने के तीसरे दिन प्रशासन ने उच्च न्यायालय के सामने निषेधाज्ञा लागू कर दी थी, जिस पर उन्होंने धरना समाप्त कर दिया था।
उच्च न्यायालय की फुल मीटिंग की अनुशंसा के आधार पर एडीजे श्रीवास को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की गई है। उनके पास गुरुवार को सेवानिवृत्ति का आदेश पहुंच गया।