नयी दिल्ली । उप राष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) और राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) जैसी स्वैच्छिक सेवाओं को स्कूलों में अनिवार्य बनाये जाने की वकालत करते हुये सोमवार को कहा कि ऐसे प्रशिक्षण छात्रों में एकता, सहानुभूति और दया की भावना विकसित करने में मददगार हैं।
नायडू ने गणतंत्र दिवस परेड में भाग ले चुके एनएसएस के स्वयं सेवियों से यहाँ बातचीत के दौरान कम उम्र से ही सामुदायिक सेवा का काम हाथ में लेने के लिए उनके उत्साह और प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसा करते हुए छात्र राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के आदर्शों को साकार कर रहे हैं, जिन्होंने कहा था – “दूसरों की सेवा में खुद को खो देना, अपने आपको तलाशने का सबसे अच्छा उपाय है।”
दु:खी लोगों की सेवा को सच्ची देशभक्ति बताते हुये उन्होंने छात्रों से कहा कि वे कम उम्र से ही सामाजिक सेवा की आदत डालें। उन्होंने युवा पीढ़ी को सुंदर भविष्य के लिए प्रकृति से प्यार करने और उसके साथ जीने की सलाह दी।
उप राष्ट्रपति ने स्वच्छ भारत जैसे कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत सामग्री इकट्ठा करके लोगों की सेवा करने के लिए एनएसएस स्वयं सेवियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे क्रियाकलाप ‘शेयर एंड केयर’ के भारत के मुख्य दर्शन को सशक्त बनाते हैं।