नई दिल्ली। देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के संकट को लेकर चौथा लॉकडाउन दो हफ्तों के लिए बढ़ा दिया गया है। यानी अब 31 मई तक देश में लॉकडाउन जारी रहेगा। इस बार तीसरे की अपेक्षा चौथे लॉकडाउन में कई रियायतें-छूट पाबंदी हटा दी गई हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात तो यह है कि हमारे देश में इस महामारी के संक्रमित मामलों में तेजी के साथ बढ़ोतरी जारी है। पिछले 4 दिनों में लगभग 14 हजार से अधिक केस सामने आए हैं। इस समय कोरोना वायरस मामलों की संख्या 90000 से अधिक पहुंच चुकी है।
लॉग डाउन के दौरान अधिक छूट देना कहीं ऐसा न हो कि कोरोना संक्रमित के मरीजों की संख्या और साथ बढ़ा दे। वहीं इस बार के लॉकडाउन में केंद्र सरकार के जरिए राज्यों को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। गृह मंत्रालय के द्वारा जारी की गया चौथा लॉकडाउन नए रंग-रूप वाला है यह साफ दिखाई दे रहा है। जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को देश के राम पांचवें संबोधन में घोषणा की थी। चौथे लॉकडाउन में देशभर में दी गई छूट का यह मतलब नहीं है कि लोग सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश और नियम भी भूल जाए। अब बहुत हद तक लोगों को भी देशभर से संक्रमित मामलों में कम करने के लिए आगे आना होगा।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को इस इस बार दिए ज्यादा अधिकार
सामान्यता देखा गया है राज्य सरकारों के फैसलों पर लोग कितना अमल नहीं कर पाते हैं जितना कि केंद्र सरकार के द्वारा जारी की गई गाइड लाइन का होता है। राज्य सरकार के द्वारा बनाए गए नियमों को उस प्रदेश के निवासी इतनी गंभीरता से नहीं लेते हैं। दरअसल शुरू के तीन लॉकडाउन में केंद्र सरकार के पास ज्यादा अधिकार थे। लेकिन अब केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ज्यादा अधिकार दिए है।
इन अधिकारों के जरिए देश में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने प्रदेश की स्थिति के मुताबिक नियमों में ढील या सख्त पाबंदी लागू कर सकेंगे। इसके अलावा इस लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने दुकानें खोलने की रियायत को लेकर राज्यों सरकारों को ज्यादा अधिकार दिए हैं। साथ ही राज्य सरकारों से कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन छोड़कर सभी जगह व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है। हॉटस्पॉट को छोड़कर ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन में गैर-जरूरी सामानों की डिलीवरी की इजाजत भी ई-कॉमर्स कंपनियों को दी गई है।
अब राज्य सरकारों की इस महामारी को रोकने के लिए होगी अहम जिम्मेदारी
अभी तक देशभर में राज्य सरकारें केंद्र सरकार के द्वारा कोरोना वायरस को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन करती रही हैं। लेकिन इस बार चौथे लॉकडाउन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकांश अधिकार राज्य सरकारों को दे दिए हैं, साथ ही उनकी यह भी जिम्मेदारी है कि इस वह क्या-क्या ढील देना चाहती है और क्या पाबंदी लगाना चाहती हैं। यानी सही मायने में अधिकांश अधिकार अब राज्य की सरकारों के पास में है। आप राज्य सरकारों को इस महामारी को नियंत्रण करने के लिए परीक्षा भी होगी।
अभी तक राज्य कोरोना के फैसलों को लेकर केंद्र की ओर ही देखता रहा है। अब राज्य सरकार को यह अधिकार दिए गए हैं कि राज्य अपने यहां रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन तय कर सकते हैं। सैलून, मिठाई जैसी दुकानों को खोलने की इजाजत देने के अधिकार भी राज्य पर छोड़े गए हैं। राज्यों के बीच यात्री वाहन और बसें भी चलाने की इजाजत दी गई है। हालांकि इसमें राज्यों के बीच आपसी सहमति जरूरी है। वहीं सिनेमा हॉल और शॉपिंग मॉल बंद रहेंगे। हालांकि इस पर अंतिम फैसला राज्य सरकारों को केंद्र सरकार के साथ बातचीत के बाद ही लेना होगा।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार
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