नयी दिल्ली। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने आज कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (GST) के प्रभावों से भारतीय अर्थव्यवस्था अब उबर रही है और वैश्विक स्तर की चुनौतियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 7.3 से 7.7 प्रतिशत के बीच रह सकती है।
संगठन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल और नवनिर्वाचित मनोनीत अध्यक्ष उदय कोटक ने आज यहां संवाददाताओं से चर्चा में यह अनुमान जताया। मित्तल ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी का असर अब समाप्त हो चुका है।
मित्तल ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और भारत को पाँच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए श्रम सुधार को आवश्यक बताते हुये कहा कि इसमें तेजी लायी जानी चाहिये क्याेंकि इससे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे तथा निर्धारित अवधि के रोजगार उपलब्ध होंगे।
उन्होंने तटीय क्षेत्र के तीव्र विकास के लिए मॉडल तटीय आर्थिक क्षेत्र बनाने की वकालत करते हुये कहा कि इससे संबंधित क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।उन्होंने भारतीय उद्योग को विकास का इंजन करार देते हुये कहा कि पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने में उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।