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Conflict in Maharashtra to get a lucrative ministry - Sabguru News
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अब महाराष्ट्र में रसूखदार मंत्रालय पाने के लिए घमासान, काम कब करेगी सरकार

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अब महाराष्ट्र में रसूखदार मंत्रालय पाने के लिए घमासान, काम कब करेगी सरकार
Conflict in Maharashtra to get a lucrative ministry
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Conflict in Maharashtra to get a lucrative ministry

महाराष्ट्र सरकार में आए दिन कुछ न कुछ फसाद लगा ही रहता है। जबसे उद्धव ठाकरे ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है शायद ही कोई ऐसा दिन गया हो जब महाराष्ट्र सरकार की खबरें देशभर में सुर्खियों में न हो। अभी पिछले दिनों राज्य कैबिनेट विस्तार को लेकर ही शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस में जबरदस्त मनमुटाव देखने को मिला था। एनसीपी और कांग्रेस के कई विधायक मंत्री न बनाए जाने से इस कदर नाराज हुए कि उन्होंने इस्तीफे तक धमकी दे डाली थी।

आज यानी गुरुवार को महाराष्ट्र में मंत्रालय को लेकर बंटवारा होना है तो ऐसे में एक बार फिर राज्य सरकार में घमासान मचा हुआ है हर एक मंत्री मलाईदार मंत्रालय पाने के लिए दौड़ लगा रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार के दो दिन बाद बुधवार को महा विकास अघाड़ी के सहयोगियों शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने राज्य सचिवालय में विभागों के बंटवारे को लेकर बैठक की। उद्धव ठाकरे ने 27 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी जब से ही तीनों पार्टियों में मंत्री पद को लेकर घमासान मचा हुआ है। इससे राज्य का सबसे बड़ा घाटा यह हो रहा है कि महाराष्ट्र का विकास कार्य अभी तक शुरू ही नहीं हो पाया है।

उद्धव सरकार में यह है मंत्रालयों का बंटवारा

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना के खाते में मुख्यमंत्री सहित 15 मंत्री पद आए हैं। शिवसेना कोटे में आवास, शहरी विकास, जल संसाधन, राज्य सड़क विकास, उद्योग, उच्च और तकनीकी शिक्षा, कृषि, सामान्य प्रशासन और परिवहन जैसे विभाग मिलने की संभावना है। महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में सबसे ज्यादा मंत्री एनसीपी से बने हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा विभाग भी एनसीपी को मिल रहे हैं। एनसीपी के कोटे में वित्त, गृह, ग्रामीण विकास, सामाजिक नियोजन, न्याय, सहकारिता, सिंचाई, उत्पाद शुल्क, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, श्रम और अल्पसंख्यक जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय मिल सकते हैं।

उद्धव ठाकरे सरकार में तीसरी सहयोगी कांग्रेस है और उसके खाते में 12 मंत्री बनाए गए हैं। कांग्रेस के कोटे में राजस्व, बिजली, बेसिक शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, आदिवासी और महिला-बाल विकास जैसे मंत्रालय मिलने की संभावना है। कृषि और सहकारिता जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित कोई भी विभाग उसके खाते में नहीं आ रहे हैं। इसे लेकर कांग्रेस भी नाराज है, पार्टी ने विभागों की अदला-बदली और विभागों की संख्या में वृद्धि की मांग रखी है।

मंत्रालयों को लेकर कांग्रेस में भी है नाराजगी

उद्धव मंत्रिमंडल में कांग्रेस के कोटे से 12 मंत्री बने हैं, जिसमें चार वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, बाला साहब थोराट, नितिन राउत और विजय वडेट्टीवार जैसे वरिष्ठ और कांग्रेस के कद्दावर नेता मंत्री बने हैं। कांग्रेस के खाते में राजस्व, ऊर्जा और पीडब्ल्यूडी जैसे महत्वपूर्ण विभाग आ सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस इस असमंजस में है कि चार वरिष्ठ मंत्रियों में तीन महत्वपूर्ण मंत्रालय को कैसे बांटे जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता अपेक्षाकृत छोटे या महत्वहीन विभागों के लिए समझौता करने के मूड में नहीं है। कांग्रेस नेतृत्व ने शिवसेना से अनुरोध किया है कि कृषि या फिर सहकारिता में से एक विभाग उसे दिया जाए, लेकिन शिवसेना इस पर राजी नहीं है।

गृह मंत्रालय को लेकर शिवसेना और एनसीपी में मची है खींचतान

एनसीपी और शिवसेना के बीच गृह मंत्रालय को लेकर खींचतान थी। ऐसे में शिवसेना गृह विभाग देने के लिए राजी हो गई है, लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार के सामने असल सवाल है कि इस महत्वपूर्ण विभाग को वो किसे सौंपे। उद्धव सरकार में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की नजर गृह विभाग पर है, लेकिन शरद पवार ने अजित पवार को देने के मूड में नहीं है। अजित पवार को पवार को हाल ही में भ्रष्टाचार मामले में अभी क्लीन चिट मिली है। ऐसे में अजित पवार को वित्त मंत्रालय दिया जा सकता है, लेकिन गृह विभाग किसे मिलता है यह सवाल अभी भी उलझा हुआ है।

एनसीपी के कई विधायक मंत्री पद को लेकर आपस में ही उलझे हुए हैं

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने विदर्भ से आने वाले वाले अनिल देशमुख के लिए सिफारिश की है। लेकिन शरद पवार के करीबी और विश्वासपात्र माने जाने वाले दिलीप पाटिल ने भी हाई प्रोफाइल पोर्टफोलियो की डिमांड रखी है। वह किसी भी छोटे पोर्टफोलियो के लिए समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके अलावा एनसीपी कोटे से छगन भुजबल, जयंत पाटिल जैसे कई एनसीपी के दिग्गज नेता मंत्रिमंडल में शामिल हैं, जिन्हें महत्वपूर्ण मंत्रालय दिए जाने हैं।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार