नई दिल्ली | नोटबंदी और जीएसटी के कारण आई सुस्ती से उबरने की कोशिश कर रहे कपड़ा उद्योग के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े निराशाजनक हैं। कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (सीआईटीआई) के चेयरमैन संजय जैन का कहना है कि सरकार को घरेलू उद्योग को बचाने के लिए उपाय करना चाहिए। नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में देश से कपड़े के निर्यात में कमी आई है जबकि आयात में लगातार जोरदार इजाफा हुआ है, जिससे घरेलू उद्योग की चिंता बढ़ गई है।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2017 में परिधान निर्यात में पिछले साल के मुकाबले आठ फीसदी की गिरावट आई है। वहीं, वस्त्र एवं परिधान तीन फीसदी की गिरावट आई है। वहीं टेक्सटाइल यार्न और तैयार कपड़ों के आयात में 20.48 फीसदी का इजाफा हुआ है।
कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री के चेयरमैन संजय जैन ने वस्त्र व परिधान के निर्यात में कमी और आयात में जोरदार बढ़ोतरी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि नवीनतम आंकड़े निराशाजनक हैं और सरकार को घरेलू उद्योग को बचाने के लिए उपाय करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को कॉटन यार्न के निर्यात पर इन्सेटिंव देना चाहिए। इससे निर्यात में तेजी आएगी।
दिसंबर 2017 में टेक्सटाइल व एपैरेल निर्यात 299.6 करोड़ डॉलर रहा जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 307.5 करोड़ डॉलर था। दिसंबर 2017 में टेक्सटाइल यार्न, फेब्रिक और तैयार कपड़ों का आयात 16.53 करोड़ अमेरिकी डॉलर रहा जबकि पिछले साल दिसंबर में सिर्फ 13.72 करोड़ डॉलर का टेक्सटाइल यार्न, फेब्रिक व तैयार कपड़ों का आयात हुआ था।
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