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'Conflict of interest': Sachin says BCCI responsible for current situation-सचिन तेंदुलकर ने हितों के टकराव मामले में बीसीसीआई को लताड़ा - Sabguru News
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सचिन तेंदुलकर ने हितों के टकराव मामले में बीसीसीआई को लताड़ा

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सचिन तेंदुलकर ने हितों के टकराव मामले में बीसीसीआई को लताड़ा

मुंबई। दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के उनपर लगे कथित हितों के टकराव को ‘समाधान योग्य’ बताए जाने की टिप्पणी पर नाराज़गी जताई है। उन्होंने साथ ही मौजूदा स्थिति के लिए भी भारतीय बोर्ड को जिम्मेवार ठहराया है।

सचिन इंडियन प्रीमियर लीग टूर्नामेंट में मुंबई इंडियन्स टीम के मेंटर के पद पर हैं जबकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की सलाहकार समिति के भी सदस्य हैं। ऐसे में उनपर हितों के टकराव का आरोप लगा था, जिससे उन्होंने इंकार किया है।

भारतीय क्रिकेटर ने अपना 13 बिंदुओं का जवाब बीसीसीआई केद नैतिक अधिकारी डीके जैन को सौंपा है और उनसे अपील की है कि वह बीसीसीआई का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति के अध्यक्ष विनोद राय और बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी को उनकी स्थिति स्पष्ट करें।

सीएसी के तीन सदस्य सचिन आईपीएल टीम मुंबई, सौरभ गांगुली आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स और वीवीएस लक्ष्मण सनराइजर्स हैदराबाद से जुड़े हुए हैं। इन तीनों को बीसीसीआई के लोकपाल एवं नैतिक अधिकारी डीके जैन ने नोटिस भेजकर हितों के टकराव पर स्पष्टीकरण मांगा था, तीनों पूर्व क्रिकेटरों ने इन आरोपों से इंकार किया है।

हालांकि बीसीसीआई के सीईओ जौहरी ने सचिन और इससे पहले गांगुली के मसलों को समाधान योग्य हितों के टकराव का माना था। गांगुली ने भी बीसीसीआई की इस टिप्पणी पर नाराज़गी जताई थी।

भारत रत्न सचिन की ओर से दिए गए जवाब में लिखा कि किसी पक्षपात के बिना नोटिस प्राप्तकर्ता इस बात पर हैरान हैं कि उसे सीएसी सदस्य बनाने का फैसला बीसीसीआई ने ही लिया था और अब वे ही इसे हितों के टकराव का मामला बता रहे हैं। सचिन को रिटायरमेंट के बाद वर्ष 2013 में ही मुंबई इंडियन्स का आइकन बनाया था, जबकि सीएसी का गठन ही 2015 में हुआ है।

उन्होंने कहा कि सचिन ने सीएसी में अपनी भूमिका के बारे में कई बार बीसीसीआई से स्पष्टीकरण की मांगा था जिसपर कभी कोई जवाब नहीं दिया गया। बीसीसीआई को पता है कि सीएसी सिर्फ सलाहकार की भूमिका निभा सकता है ऐसे में मुंबई इंडियन्स के आइकन के तौर पर रहना कोई टकराव का मामला नहीं है।

सचिन ने अपने जवाब में यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने खुद को अंडर-19 राष्ट्रीय टीम की चयन समिति की नियुक्ति की प्रक्रिया से अलग कर लिया था क्योंकि उनके बेटे अर्जुन भी टीम में जगह बनाने के दावेदारों में शामिल थे। ऐसे में बीसीसीआई की प्रतिक्रिया से वह हैरान हैं।