नई दिल्ली। कांग्रेस ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर अपना रुख दोहराते हुए सोमवार को कहा कि यह मामला सुप्रीमकोर्ट के विचाराधीन है और वहां मंदिर निर्माण होगा या नहीं, इस बारे में न्यायालय को ही फैसला करना है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम ने यहां संवाददाता सम्मेलन में पूछे गए सवालों पर कहा कि भाजपा को चुनाव के समय हर पांच साल में राम मंदिर निर्माण की याद आ जाती है।
इस बार भी आम चुनाव सामने देखते हुए भाजपा और उसके नेताओं ने यही राग अलापना शुरू कर दिया है। हर पांच साल में भाजपा मंदिर के नाम पर लोगों को बांटने का काम शुरू करती है और इस बार भी स्थिति अलग नहीं है।
चिदम्बरम ने कहा कि राम मंदिर को लेकर पार्टी अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि इस मामले में सभी को उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
राम मंदिर को लेकर भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा अध्यादेश लाने संबंधी मांग पर उन्होंने कहा कि अध्यादेश लाने का काम सरकार करती है और यदि किसी ने यह मांग की है तो प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए लेकिन उन्हें मालूम है मोदी इसका जवाब नहीं देंगे।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या मामले की सुनवाई जनवरी तक स्थगित कर दी है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए आज कहा कि जनवरी, 2019 में यह मामला उचित पीठ के समक्ष पेश किया जाएगा।