महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए कल का आखिरी दिन बचा हुआ है । पिछले 15 दिनों से महाराष्ट्र की राजनीति में इतने मोड़ आए फिर भी बात नहीं बन सकी । भाजपा और शिवसेना अपने अपने विधायकों को एक दूसरे से बचाकर सुरक्षित स्थान पर रख दिया है । गुरुवार को शिवसेना के सभी 56 विधायक उद्धव ठाकरे ने मुंबई के एक फाइव स्टार होटल में शिफ्ट कर दिए हैं । उद्धव को डर है कहीं भाजपा उसके विधायकों को तोड़ न लें ।
दूसरी ओर कांग्रेस भी अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाकर उन्हें राजस्थान की राजधानी जयपुर ले जाने की तैयारी कर रही है । कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया है कि वह कांग्रेस के साथ-साथ शिवसेना के विधायकों को भी खरीद रही है । पार्टी ने कहा है कि बीजेपी ने एक विधायक को 50 करोड़ रुपये देने की बात कही । राज्य में सरकार बनाने के लिए अब सिर्फ एक दिन का ही समय बचा हुआ है, ऐसे में सभी पार्टियां हर दांव आजमा रही हैं।
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगेगा या सरकार बनाने को लेकर कोई फॉर्मूला निकलेगा, इस पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। राज्य में सरकार बनाने के लिए सिर्फ कल तक का वक्त बचा है । राष्ट्रपति शासन की आशंका को देखते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गुरुवार को कानूनी राय ली । दरअसल मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल कल खत्म हो रहा है । अगर कल भी सरकार नहीं बनी तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाएगा ।
मुख्य दलों ने राज्यपाल से कर ली है मुलाकात, किसी ने नहीं किया दावा पेश
राज्य में अब लगभग सभी मुख्य दलों ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर ली है, लेकिन अभी तक किसी भी दल ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है इसकी वजह है बहुमत का आंकड़ा । किसी पार्टी के पास बहुमत का आंकड़ा मौजूद नहीं है । हालांकि भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी है, और उसके पास 105 विधायक हैं । सरकार बनाने के लिए 146 विधायकों के समर्थन की जरूरत है । संजय राउत ने यह भी कहा है कि राज्य में जिसके पास बहुमत हो वह सरकार बना ले । लेकिन अस्मिता की लड़ाई जारी रहेगी, दिल्ली के सामने न शरद पवार झुके और न ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे । उन्होंने कहा कि अगर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा तो यह राज्य की जनता का अपमान होगा ।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार