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PM की बजाय पंचायत प्रतिनिधियों की शैक्षणिक योग्यता हो रही तय : राहुल गांधी
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PM की बजाय पंचायत प्रतिनिधियों की शैक्षणिक योग्यता हो रही तय : राहुल गांधी

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PM की बजाय पंचायत प्रतिनिधियों की शैक्षणिक योग्यता हो रही तय : राहुल गांधी
न्यायालय के फैसले से हमारी रूख की पुष्टि हुई-राहुल गांधी
Congress chief rahul gandhi launches poll campaign in chhattisgarh

रायपुर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर पंचायत एवं निकायों के जनप्रतिनिधियों को कमजोर करने के लिए उन पर सच्चा आक्रामण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की बजाय पंचायत एवं निकाय चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता तय की जा रही है।

गांधी ने गुरुवार को चार राज्यों के पंचायत एवं निकाय प्रतिनिधियों के जन स्वराज सम्मेलन में पंचायत प्रतिनिधियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट पर नहीं, आप पर मोदी सरकार सच्चा आक्रामण कर रही है। हरियाणा की भाजपा सरकार ने तय कर दिया आठवीं दसवीं पास ही पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं। आखिर क्यों। सासंद, विधायक एवं प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता तो तय नही की।

उन्होंने कहा कि पहले यह तो तय करिए कि आठवीं दसवीं पास नहीं है तो प्रधानमंत्री नहीं बनने देंगे फिर सासंद विधायक और आखिरी में पंचायतों का नम्बर आता है। उन्होंने कहा कि पंचायत एवं निकायों के जनप्रतिनिधियों को कमजोर करने की कोशिश हो रही है। उनकी शक्ति नौकरशाह चाहता है। मुख्यमंत्री, नौकरशाह एवं उनके उद्योगपति मित्र छीनना चाहते हैं।

धारा 40 का उपयोग कर चुने गए पंचायत प्रतिनिधियों को हटाने के प्रकरणों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि कांग्रेस शासत राज्यों में इसका उपय़ोग नहीं हो यह सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि सासंद, विधायक और प्रधानमंत्री को हटाने का प्रावधान पहले हो। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में पंचायत प्रतिनिधियों को ज्यादा से ज्यादा अधिकार मिलेगा और उनकी बात सुनकर कानून एवं योजनाएं बनेंगी, जो मुख्यमंत्री काम नहीं करेगा उसे बदल देंगे।

गांधी ने पांचवीं अनुसूची के बारे में पूछे जाने पर कहा कि कांग्रेस का मानना है कि जल, जमीन एवं जंगल वहां रहने वाले आदिवासियों का है, इसका प्रबन्धन उनके ही हाथ में रहना चाहिए।उन्होने कहा कि मोदी जी की मार्केटिंग 24 घंटे में जो सात आठ घंटे होती टीवी में दिखाई पड़ती है उसके पीछे आदिवासियों की जमीन है,जिसे नीरव मोदी जैसे लोगो को दे दी जाती है जोकि बाद में मार्केटिंग के लिए पैसे देते हैं।

उन्होंने बिहार एवं झारखण्ड में भी पंचायतों को निष्प्रभावी बनाने की कोशिशों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस हालात का सामना उन्हें जजों की तरह जनता के बीच जाकर करना होगा। लोगो को बताना होगा कि उनकी शक्ति छीनी जा रही है। उन्होने कहा कि 21वीं सदी में संविधान की रक्षा कोई करेगा तो पंचायत प्रतिनिधि करेंगे। उन्होने कहा कि सीमा पर संविधान एवं देश की रक्षा के लिए जो काम सैनिक करते है वहीं काम हर दिन पंचायत प्रतिनिधि देश के भीतर करता है।

गांधी ने कहा कि 2019 में अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह शिक्षा स्वास्थ्य एवं रोजगार पर सबसे ज्यादा फोकस करेगी और इसके लिए बजट की बहुत बड़ी राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा इतनी महंगी हो गई है कि आम लोगों की पहुंच से दूर है जबकि सरकार अस्पताल बदहाल है और निजी अस्पताल जनता को लूट रहे हैं। रोजगार पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। आज चीन में 24 घंटे में 50 हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है जबकि भारत में 450 लोगों को।

उन्होंने वालमार्ट का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि वालमार्ट आ गया तो काम चल गया लेकिन यह हकीकत नहीं है। उन्होंने कहा कि देश का कृषि क्षेत्र ऐसा है जिसमें सबसे ज्यादा रोजगार पैदा हो सकता है, लेकिन यह मोदी सरकार की प्राथमिकता में नहीं है।

गांधी छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर है। उनका आज ही सरगुजा के सीतापुर एवं बिलासपुर जिले के कोटमी में आदिवासी सम्मेलन में सम्बोधन का कार्यक्रम है। वे कल बिलासपुर एवं दुर्ग में कांग्रेस के बूथ कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे एवं दुर्ग से रायपुर विमानतल लगभग 50 किलोमीटर लम्बा रोडशो करेंगे।