नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कार्य समिति ने ‘संकल्प चिंतन शिविर’ की तैयारियों और इसमें विचार के लिए रखे जाने वाले सभी छह मुद्दों पर में गहन विचार विमर्श कर बदलते परिवेश के अनुकूल पार्टी के संविधान में बदलाव करने और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए अलग विभाग बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस शिविर में पहुंचने वाले प्रतिनिधियों में 50 प्रतिशत युवाओं को रखा गया है जिनमें 30 प्रतिशत प्रतिनिधि 40 साल से कम उम्र के हैं और 21 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। शिविर में शामिल होने वाले कुल सदसयों की संख्या 422 है और इस तरह से शिविर के लिए 422 प्रतिनिधियों को जाने की मंजूरी दी गई है जिसके कारण यह शिविर तरुणाई औरे तजुर्बे का अनूठा मिश्रण बन रहा है।
उन्होंने कहा कि शिविर में इसके अलावा डिजिटल सदस्यता अभियान के लिए कांग्रेस के संविधान में बदलाव करने का भी निर्णय लिया गया है और इस बदलाव को भी बैठक में अनुमोदित किया गया है। इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की संप्रभुता पर पड़ोसी देश ने जबरन कब्जा किया है और उसकी संप्रभुता के लिए पार्टी ने एक अलग विभाग बनाने का प्रस्ताव पारित किया है।
पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी ने सबको बहुत कुछ दिया है और अब समय आया है कि पार्टी को उसका कर्ज लौटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिविर का लक्ष्य कांग्रेस के लिए नये एक्शन प्लान की तैयारी कर एक नए रोड मैप को सामने रखना है और जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप कांग्रेस की नई भूमिका की तैयारी कर लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरना है और बदलते समय के अनुरूप संगठन में परिवर्तन कर नए संकल्प के साथ देश पर सरकार के आक्रमण का सामना करना है।