जैसलमेर। केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्री 14 अगस्त को जादूगर का जादू चलने की बात कह रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि जादूगर का जादू अब फैल हो गया है और विधानसभा में सरकार बहुमत सिद्ध नहीं कर पाएगी।
चौधरी ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि कहा कि उस दिन 14 अगस्त हैं जिस दिन पाकिस्तान भारत छोड़कर गया था और भारत रातों-रात आजाद हुआ था। इसी दिन को गहलोत सरकार ने बहुमत के लिए चुना है। ऐसे में राज्य की जनता भी कांग्रेस के कुशासन से मुक्त हो जाएगी। उन्होंने राज्य सरकार को जनता विरोधी बताते हुए कहा कि राज्य में वर्तमान में जो हालात हैं, उसके लिए कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद जिम्मेदार हैं।
चौधरी ने कहा कि आमजन और किसान परेशान हैं। कोरोना का संकट और आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। दूसरी तरफ राजस्थान की कांग्रेस सरकार होटलों में कैद होकर बिरयानी खाने और स्विमिंग पूल की मौज-मस्ती में व्यस्त है। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते जनता के दर्द को देखकर मन में दुःख होता है।
उन्होंने कहा कि गहलोत और कांग्रेस नेता बिना किसी तर्क और तथ्य के अपने घर की लड़ाई का ठीकरा भाजपा और राज्यपाल पर फोड़ रहे हैं। यह परंपरा निश्चित रूप से निंदनीय और चिंतनीय है। यह गहलोत और पायलट की आपसी लड़ाई है, जिसका खामियाजा राजस्थान की जनता भुगत रही है, लेकिन कांग्रेस नेता इसका दोषारोपण भाजपा पर कर रहे हैं, जबकि भाजपा का इससे कोई संबंध नहीं है।
चौधरी ने कहा कि गहलोत अपने विधायकों का भरोसा खो चुके हैं, इसलिए उन्हें इस तरीके से कैद किया गया है। उन्होंने कहा कि हम शक्ति परीक्षण की मांग नहीं कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने जनमत खो दिया है और खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
डेढ़ साल से ज्यादा समय बिता चुकी कांग्रेस सरकार ने अब तक अपने घोषणापत्र का एक भी वादा पूरा नहीं किया है। न तो राहुल गांधी के खोखले वादे के मुताबिक किसानों का कर्ज माफ किया गया, न युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया और न ही टिड्डी संकट के समय राज्य सरकार कोई मदद कर रही है।
चौधरी मंत्री ने कहा कि जैसलमेर को छावनी बना दिया गया है, बाड़ेबंदी के दौरान विधायकों की हालत सुस्त हो गई है। उन पर पुलिस का कड़ा पहरा है। विधायक जेल की चारदीवारी में कैद हैं। त्योहारों पर भी विधायकों को उनके घर तक जाने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि गहलोत अपने विधायकों का भरोसा खो चुके हैं, इसलिए उन्हें इस तरीके से कैद किया गया है।