गांधीनगर । गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा है कि स्टेच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना के विरोध के कांग्रेस नेताओं के सिलसिले पर नजर डालने पर से यह साफ हो जाता है कि यह पार्टी की एक सोची समझी साजिश है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता तथा पूर्व विधायक भरत पंडया ने यूएनआई से बातचीत में दावा किया कि इस परियोजना से जुड़े होर्डिंग्स में तोडफोड़ के पीछे भी कांग्रेस और इसके समर्थक संगठनों का हाथ है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने कभी भी सरदार पटेल का सम्मान नहीं किया और अब जब उनकी इस विशाल प्रतिमा का लोकार्पण होने वाला है तो इसकी ईर्ष्या सामने आ गयी है। कांग्रेस इतनी बड़ी परियोजना और दुनिया की सबसे ऊंची इस प्रतिमा का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खाते में जाता भी नहीं देख पा रही है।’
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के नेताओं के बयान के सिलसिले पर नजर डालने से साफ हो जाता है कि यह पार्टी की एक सोची समझी साजिश है। सबसे पहले पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रतिमा में लगने वाली थोड़ी सी चीन निर्मित सामग्री को लेकर मेड इन चाइना विवाद खड़ा करने का प्रयास किया। उनके बाद पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बयानबाजी की। फिर गुजरात में पार्टी के विरोध पक्ष के नेता परेश धानाणी और प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा ने। इसके बाद राष्ट्रमंच के सुरेश मेहता ने और फिर कांग्रेस समर्थित भारतीय ट्राइबल पार्टी ने। यह सब एक सोची समझी साजिश है।’
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने पहले हार्दिक पटेल के जरिये जातिवाद फैलाने और फिर अल्पेश ठाकोर के जरिये प्रांतवाद फैलाने का प्रयास किया। अब यह इसलिए भी स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का विरोध कर रही है ताकि इसके जरिये आदिवासी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन न हो और यह बेरोजगारी के बारे में अपने अनर्गल आरोप जारी रख सके। ज्ञातव्य है कि श्री मोदी कल गुजरात के नर्मदा जिले में केवड़िया के निकट नर्मदा नदी के साधु द्वीप पर बनी सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे।