जम्मू। कांग्रेस ने अपनी पार्टी के नेताओं पर जारी पाबंदियों के विरोध में जम्मू-कश्मीर में पार्टी आधार पर हो रहे विकासखंड विकास परिषद चुनाव का बहिष्कार करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
प्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी के अधिकतर नेताओं के खिलाफ कश्मीर घाटी में लगाई गई पाबंदियों या उन्हें नजरबंद किये जाने के विरोध में पार्टी बीडीसी चुनाव का बहिष्कार करेगी। इससे पहले पार्टी ने इस चुनाव में भाग लेने की घोषणा की थी लेकिन आज इसने यू-टर्न ले लिया।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने पार्टी के निर्णय का एलान करते हुए कहा कि हमने पांच सितंबर को चुनाव आयोग से संपर्क कर उन्हें जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया था तथा नजरबंद किए गए पार्टी नेताओं को जल्द मुक्त करने की मांग की गई।
उन्होंने कहा कि हमने प्रशासन से बीडीसी चुनाव को दो से तीन माह टालने का अनुरोध किया था लेकिन हमारी मांग पर विचार नहीं किया गया। हमारे नेता हिरासत में हैं तथा स्थिति भी अनुकूल नहीं है, इसलिए हमारी पार्टी ने चुनाव बहिष्कार का फैसला किया।
कांग्रेस के अलावा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस के पार्टी नेताओं के नजरबंद होने या उन पर पाबंदियों के विरोध में पहले ही चुनाव बहिष्कार का एलान कर रखा है।
मीर ने प्रशासन पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीडीपी और नेकां भी इन्हीं कारणों से चुनाव में भाग नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि यदि वे भारतीय जनता पार्टी की जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं और उसे वाकओवर देना चाहते हैं तब उन्हें बगैर प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की भागीदारी के चुनाव करा लेना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को नया केंद्र प्रशासित प्रदेश घोषित किया है और दूसरी ओर 73वां संशोधन किये बगैर बीडीसी चुनाव कराये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बन चुके हैं, ऐसे में सभी केंद्रीय कानून खुद ब खुद दोनों प्रदेशों में लागू हो गए हैं, इस तरह बगैर 73वां संशोधन किए बीडीसी चुनाव नहीं कराए जा सकते क्योंकि यह केंद्रीय कानून पर आधारित नहीं है।
उन्होंने कश्मीर घाटी की स्थिति को बदतर बताते हुए कहा कि हम दुकानों के बंद होने या नेताओं के नजरबंद होने से उतने चिंतित नहीं हैं, जितना कि अगली पीढ़ी के भविष्य को लेकर जो एक खतरनाक मोड़ पर है। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्तरों के सभी शिक्षण संस्थान पिछले 66 दिनों से बंद हैं तथा युवाओं का भविष्य अंधकारमय है।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने कश्मीर घाटी में अधिकतर कांग्रेस नेताओं पर जारी पाबंदियों के आलोक में बीडीसी चुनाव को लेकर सभी पहलुओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया है।
मीर ने कहा कि कांग्रेस की ओर से सरकार द्वारा एकतरफा घोषित पार्टी आधार पर बीडीसी चुनावों में भाग लेने की इच्छा के बाद भी सरकार की ओर से पूरा असहयोग किया गया लेकिन कांग्रेस पार्टी की ओर से चुनाव टालने की मांग पर विचार नहीं किया गया, इसलिए सर्वसम्मति से चुनावों के बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया। गौरतलब है कि 24 अक्टूबर को होने वाले इस चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने का आज आखिरी दिन था।