नयी दिल्ली । कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी जन स्वास्थ्य योजना – आयुष्मान भारत को खोखला करार देते हुए आज आरोप लगाया कि यह निजी क्षेत्र के लिये संजीविनी है तथा इससे जन स्वास्थ्य सुरक्षा का लक्ष्य हासिल नहीं होगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता जयराम रमेश ने यहां पार्टी मुख्यालय में नियमित ब्रीफिंग में कहा कि आयुष्मान भारत अपने घोषित लक्ष्यों को हासिल करने में सफल नहीं हाेगी। उन्होेंने कहा कि यह योजना जन स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती है बल्कि जन स्वास्थ्य बीमा निर्धारित करती है। इससे केवल निजी बीमा कंपनियों, निजी अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की निजी कंपनियों को लाभ होगा।
कांग्रेस नेता ने आयुष्मान भारत को निजी क्षेत्र के लिए ‘संजीविनी’ करार देते हुए कहा कि योजना के प्रावधान ऐसे हैं जो मधुमेह, पीठ दर्द और उच्च रक्तचाप जैसी प्रमुख बीमारियों को इसके दायरे से बाहर करते हैं और निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देते हैं। उन्होेंने कहा कि प्रधानमंत्री का यह दावा गलत है कि इस योजना के दायरे में 10 करोड़ परिवार आऐंगे। वास्तव में केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों की कई स्वास्थ्य योजनाओं के दायरे में पहले से 11 करोड़ परिवार शामिल हैं।
उन्होेंने छत्तीसगढ़ सरकार के एक अध्ययन के हवाले से कहा कि आयुष्मान भारत योजना में किसी को पांच लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त नहीं मिल सकता है क्योंकि केंद्र सरकार प्रत्येक परिवार के लिए केवल 1100 रुपए का प्रीमियम चुका रही है। इस राशि से केवल 50 हजार रुपए तक का इलाज हो सकता है।