जयपुर। देश में 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की 46 वीं बरसी पर भाजपा ने प्रदेशभर में काला दिवस मनाया एवं प्रेस वार्ताओं के माध्यम से जनजागरूकता को लेकर संदेश भी दिया।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में 25 जून 1975 को लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला हुआ था, देश में आपातकाल लगाकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सभी मौलिक अधिकारों को निरस्त कर दिया, प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी, विपक्षी नेताओं एवं लाखों लोगों को जेलों में बंद कर प्रताड़ित किया गया।
उन्होंने कहा कि आपातकाल के काले कालखंड की चोट कलम एवं जुबां पर भी चली थी, आजादी के बाद दूसरा बड़ा आंदोलन आपातकाल के खिलाफ संघर्ष था, देश के बहुत लोगों ने संघर्ष किया, शहादत दी।
डॉ. पूनियां ने कहा कि लोकतंत्र की स्थापना से देश को बहुत खुशी हुई थी, लेकिन देश का दुर्भाग्य था कि उस समय की भोली भाली जनता के बीच में प्रचारिक किया गया कि देश को आजादी कांग्रेस ने दिलाई, देश पर राज करने का हक कांग्रेस का है, कांग्रेस पार्टी में भी एक वंश और खानदान का है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के बारे में बार-बार याद दिलाना पड़ता है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी हर बात लोकतंत्र एवं नैतिकता से शुरु करते हैं, लेकिन कांग्रेस के किसी भी नेता ने आपातकाल के बारे में कुछ नहीं कहा कि वो भी लोकतंत्र पर हमले का था हिस्सा था।
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी सत्ता के दंभ में धीरे-धीरे तानाशाह के रूप में तब्दील हो गईं, कांग्रेस की अध्यक्ष एव प्रधानमंत्री दोनों ही पदों काबिज थी, उस समय भ्रष्टाचार ने महामारी का रूप ले लिया, सत्ता निरंकुश हो गई, उस जमाने में चापलूसी इस कदर हावी थी कि इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा, यह उस समय के संदर्भों में देखा गया और लिखा गया।