गांधीनगर। गुजरात विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस के सभी विधायकों को दिन भर के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित किए जाने के बाद पार्टी के सदन में उपनेता शैलेष परमार ने विधानसभाध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी को उनके पद से हटाने के लिए ही नोटिस दे दिया।
विधानसभा के सचिव डीएम पटेल ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि संविधान की धारा 179 के तहत ऐसी नोटिस के कम से कम 14 दिन बाद सदन में संबधित प्रस्ताव पेश किया जाता है।
हालांकि सदन में सामान्य बहुत वाली भाजपा अासानी से इस प्रस्ताव को पराजित कर सकती है पर वह ऐसी परिस्थिति को टालने के लिए कांग्रेस के साथ बातचीत कर इस नोटिस को वापस लेने के लिए परमार को मनाने की रणनीति पर काम कर रही है।
182 सदस्यीय सदन में भाजपा के 99 जबकि कांग्रेस के 77 सदस्य है। भाजपा को एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है जबकि कांग्रेस को दो निर्दलीय और भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो सदस्यों का समर्थन है। एक सदस्य राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के हैं।
समझा जाता है कि 19 फरवरी को बजट सत्र की शुरूआत के बाद से ही हंगामा करने पर कांग्रेस विधायकों के खिलाफ सख्त रूख अपना रहे त्रिवेदी पर दबाव बनाने के लिए परमार ने एक सोची समझी रणनीति के तहत यह कदम उठाया है।
नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी ने पत्रकारों से कहा कि त्रिवेदी परंपरा के अनुरूप संसदीय कार्य मंत्री की आपत्ति के बिना भी एकतरफा ढंग से कांग्रेस विधायकों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज भी सदन में कांग्रेस विधायक पेट्रोल डीजल पर कर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे को उठा रहे थे पर त्रिवेदी ने सभी को निलंबित कर दिया।