दौसा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर उसके शासन में प्रदेश में कानून व्यवस्था हर दिन खराब से खराब होती जाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इससे संदेश एक ही है कि राजस्थान की संस्कृति, परम्परा एवं गौरव को बचाना है तो राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को वापस लाना ही होगा।
मोदी आज यहां दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का उद्घाटन के बाद एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान का क्या हाल बना दिया है, वह कैसे सरकार चला रही है, लोगों से छिपा नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि एक बात का अफसोस हैं कि बीते पांच साल में राजस्थान में डबल पावर लगी होती है तो यहां विकास कितना तेज होता, कांग्रेस जिस तरह चीजों को अटकाने, भटकाने और लटकाने की राजनीति करती है और विकास कार्य कांग्रेस नेताओं द्वारा अधिकतर पटक ही दिये जाते है, खुद काम करते नहीं है और दूसरों को करने नहीं देते है।
उन्होंने कहा कि हाल में राजस्थान में बजट पेश करने के दौरान जो हुआ वह चर्चा चारों तरफ है। उन्होंने एक बहुत पुरानी बात बताते हुए कहा कि गलती किसी से भी हो सकती है लेकिन इससे यह तो पता चलता है कि कांग्रेस के पास न विजन है और न ही उसकी बातों में कोई वजन रह गया है। कांग्रेस के लिए बजट और घोषणाएं होती ही कागजों में लिखने के लिए, घोषणाओं एवं योजनाओं को जमीन पर लागू करने में उसका कोई इरादा नहीं है।
मोदी ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि कौनसे वाला पढ़ा है, पहले जब पढ़ा था उसे साल भर डिब्बे में बंद रखा था, इसके कारण यह हुआ। राजस्थान को ऐसी सरकार एवं राजस्थान को अनिश्चितता से मुक्ति चाहिए, स्थिर और विकास वाली सरकार चाहिए तभी राजस्थान में कानून राज स्थापित हो पायेगा, तभी राजस्थान तेज विकास के रास्ते पर चल पायेगा। उन्होंने कहा “राजस्थान में डबल इंजन की सरकार के लिए मैं उत्साह देख रहा हूं और चारों तरफ वहीं नजर आ रहा है, दौसा में भी यह उत्साह साफ साफ दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत करोड़ों घर घर कनेक्शन दिए गए है और राजस्थान के लाखों परिवारों भी इसका फायदा मिला है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पानी की चुनौती का समाधान भाजपा सरकार की सात्विकता है और आप देख रहे है कि मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच केन बेसवा को जोड़ने का काम शरु हो रहा है।
इसी प्रकार पूवीं राजस्थान में 13 जिलों में भी पीने के पानी एवं सिंचाई की सुविधा का विस्तार के लिए हम प्रतिबंध हैं। पूवीं राजस्थान नहर परियोजना और पुरानी पार्वती काली सिंंध चंबल लिंक को जोड़कर एक बड़ी परियोजना का प्रारुप तैयार किया गया हैं। इसका केन्द्र सरकार ने राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार के साथ साझा किया है। इस प्रस्ताव को नदियों से जुड़ी विशेष समिति ने प्राथमिकता प्राप्त परियोजना के रुप में शामिल किया है। दोनों राज्यों की सहमति मिलने के बाद केन्द्र सरकार इसे आगे बढ़ाने पर जरुर विचार करेगी।