नयी दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भारतीय जनता पार्टी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनका नाम लिए बिना तीखा हमला करते हुए कहा है कि कोई कितना भी दिखावा करें और खुद को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सिद्धांतों के पुजारी होने का दावा करे लेकिन सच्चाई यही है कि गांधी के विचारों पर कांग्रेस ही चली है और आगे भी चलेगी।
गांधी ने बुधवार को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पार्टी की संदेश यात्रा को यहां राजघाट पर संबोधित करते हुए कहा “इन दिनों खुद को ‘भारत का भाग्य विधाता’ समझने वाले लोगों से मैं विनम्रता से कहना चाहती हूं कि गांधी जी नफरत के नहीं प्रेम के प्रतीक थे, तनाव के नहीं सद्भाव के प्रतीक थे, वे निरंकुश नहीं जनतंत्र के प्रतीक हैं। कोई कुछ भी दिखावा करे ,गांधी जी के सिद्धांत पर कांग्रेस ही चली है कांग्रेस ही चलेगी।”
उन्होंने संदेश यात्रा में शामिल लोगों का आह्वान किया कि देश के बुनियादी मूल्य को बचाने, संवैधानिक संस्थानों तथा भारत की मिली जुली संस्कृति और पहचान को बनाए रखने के लिए गांधी जी के संदेश को देश के हर कोने के हर घर तक पहुंचाना है। भारत की बुनियादी अस्मिता, सांस्कृतिक विविधता, समभाव की विरासत और सदभाव के मूल्य को हर कीमत पर बचाना है।
गांधी ने कहा “आज कुछ लोग चाहते हैं कि गांधी जी नहीं वह खुद भारत का प्रतीक बन जाएं। उन्हें समझना चाहिए कि हमारे देश की मिली जुली सभ्यता है, हमारा मिला जुला समाज है और मिली जुली संस्कृति है और इसमें गांधी जी की समावेशी व्यवस्था के अलावा कुछ और नहीं सोचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जो लोग असत्य की राजनीति करते हैं कि वे कैसे समझेगे कि कि गांधी जी सत्य के पुजारी थे। जिन्हें अपनी सत्ता के लिए सब कुछ करना मंजूर है वे कैसे समझेगे कि गांधी जी सत्य के उपासक थे। जिनमें लोकतंत्र को सारी शक्ति मुट्ठी में रखने की प्यास है वे क्या समझेंगे कि गांधी जी का स्वराज क्या मतलब है। जिन्हें मौका मिलते ही खुद को सर्वे सर्वा बताने की इच्छा हो वे कैसे समझेंगे कि गांधी की निस्वार्थ सेवा का मूल्य क्या होता है।