जयपुर। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कांग्रेस पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा राजस्थान सहित कांग्रेस शासित प्रदेशों की विधानसभा में केन्द्र सरकार के किसान लोक कल्याणकारी विधेयकों को लागू न करने के लिए नया कानून बनाने के निर्णय को आश्चर्यजनक बताते हुए कहा है कि वह किसानों की आमदनी दोगुना करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प में रोड़ा अटकाने के लिए किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
राठौड़ ने आज यहां बयान जारी कहा कि देश में किसानों के दम पर दशकों तक शासन करने वाली कांग्रेस ने किसानों के कल्याण के बारे में कभी भी नहीं सोचा। दस साल से ज्यादा समय तक स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट ठंडे बस्ते में रखने वाली कांग्रेस अब जब देश में किसानों को लागत का डेढ़ गुणा न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना प्रारंभ हो गया।
किसान की दशकों पुरानी मांग अपने उत्पाद को जहां चाहे जिसे चाहे बेचने का अधिकार मिलना सुनिश्चित हो गया तथा पूर्व में लागू कृषि उपज अधिनियम को यथावत् रखते हुए किसानों को एक वैकल्पिक व्यवस्था देने के लिए केन्द्र सरकार प्रगतिशील कानून लेकर आई तो कांग्रेस पार्टी किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुना करने के प्रधानमंत्री के संकल्प में रोड़ा अटकाने के लिए ढोंग रचकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के ऐतिहासिक कृषि विधेयकों कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 जो अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून का स्वरूप ले चुके हैं, के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा राजस्थान सहित कांग्रेस शासित प्रदेशों की विधानसभा में केन्द्र के किसान लोक कल्याणकारी विधेयकों को लागू न करने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय करना आश्चर्यजनक है। उन्होंने कांग्रेस का यह कदम गलत एवं उसके लिए आत्मघाती साबित होगा।
राठौड़ ने कहा कि इससे यह साबित होता है कि कांग्रेस पार्टी किसानों का कभी भला नहीं चाहती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ऐसा करके देश की संघीय व्यवस्था को चुनौती देने पर उतारू है जो देश के लोकतंत्र को कमजोर करने का कार्य होगा।