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सोनिया, राहुल, प्रियंका बोले लॉकडाउन ने छीना गरीबों के जीने का सहारा - Sabguru News
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सोनिया, राहुल, प्रियंका बोले लॉकडाउन ने छीना गरीबों के जीने का सहारा

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सोनिया, राहुल, प्रियंका बोले लॉकडाउन ने छीना गरीबों के जीने का सहारा

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि कोरोना और लॉकडाउन ने देश के गरीब के जीने का हर सहारा छीन लिया है जिसके कारण राेजी रोजी को मोहताज लाखों प्रवासी श्रमिकों के भूखे पेट और नंगे पांव सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल कर अपने घर जाने का अत्यंत दर्दनाक मंजर देश ने देखा है।

कांग्रेस के देश की जनता की आवाज बुलंद करने के लिए सोशल मीडिया पर गुरुवार को 11 से दो बजे तक चले ‘स्पीक अप इंडिया’ अभियान को असाधारण सफलता मिलने के दावे के बाद सोनिया गांधी, राहुल गांधी तथा प्रियंका वाड्रा ने यहां जारी अलग अलग बयानों में कहा कि कांग्रेस लॉकडाउन के खिलाफ नहीं रही है लेकिन इस दौरान सरकार ने गरीबों की समस्या को नहीं सुना जिसके कारण किसानों, प्रवासी श्रमिकों, कृषि श्रमिकों तथा अन्य गरीबों को भारी संकट का सामना करना पडा है।

कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया में पार्टी के अभियान में लेते हुए कहा कि सरकार ने लॉकडाउन लगाने से पहले गरीबों के बारे में नहीं सोचा महज चार घंटे का समय देकर देश में लॉकडाउन लागू किया जिसके कारण देश की जनता और खासकर गरीब प्रवासी श्रमिकों, खेतिहर मजदूर आदि को भारी समस्या का सामना करना पड। उनका कहना था कि कांग्रेस ने भी कोरोना की लडाई में सरकार का साथ दिया लेकिन वह आरंभ से कहती रही है कि इसके लिए योजनाबद्ध तरीका अपनाया जाना आवश्यक है।

इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि कोरोना रोकने के लिए लागू लाॅकडाउन से पीड़ित लोगों की समस्याएं सामने लाने के लिए सोशल मीडिया पर आज 11 से दाे बजे तक आयोजित पार्टी के ‘स्पीक अप इंडिया’ अभियान को जबरदस्त सफलता मिली जिससे 10 करोड़ से ज्यादा लोग इससे जुड़े और दुनिया में सोशल मीडिया पर यह अभियान सबसे आगे ट्रैक करता रहा। सभी वर्गो के लोगों ने इस माध्यम से अपनी पीडा व्यक्त की और कांग्रेस उनके इस दर्द को सरकार तक पहुंचाएगी।

सोनिया गांधी ने कहा कि यह सही है कि कोरोना को मात देने के लिए लॉकडाउन जरूरी था,यह मान के चलिये, मगर क्या यह भी जरूरी था कि देश की जनता को सिर्फ चार घंटे की मोहलत दी जाए। क्या सरकार ने सोचा था कि जब कारखानों के, जब दुकानों के मालिक अपने दरवाजे बंद कर देंगे, तो मज़दूर का क्या होगा। क्या सरकार ने सोचा कि सड़क पर खड़े बेरोजगार मजदूर क्या कमाएंगे, क्या खाएंगे, कैसे जिएंगे, कहां जाएंगे। वो गरीब जिनसे किसी भी सरकार की सच्ची और सीधी परीक्षा यही होती है कि वे समाज के निर्धन और निर्बल के लिये क्या कर रही है।

सोनिया गांधी ने कहा कि जब कांग्रेस पाटी ने गरीब माइग्रेंट को फ्री रेल टिकट देने का ऐलान किया, तभी केन्द्र सरकार ने 85 प्रतिशत टिकट का दाम भरने की घोषणा की। यह अलग बात है की आज भी जहां हमारी सरकारें हैं यां कांग्रेस के सहयोगी दलों की सरकारें है, वहां राज्य सरकार माइग्रेंट मज़दूर को फ्री टिकट दे रही है मगर केन्द्र के 85 प्रतिशत का अभी तक कोई पता नहीं है।

उन्होंने कहा कि उनके सभी सहयोगियों के साथ ही अर्थशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों और समाज के अग्रणी लोगों ने बार-बार सरकार से इन पीड़ितों को राहत देने और उनके घावों पर मरहम लगाने का आग्रह किया है और कहा है कि लॉकडाउन से मजदूर, किसान, उद्यमी और छोटे दुकानदार सभी पीड़ित हैं और उनकी मदद की जानी चाहिए लेकिन केंद्र सरकार ने यह बात समझने और इस पर ध्यान देने से इंकार किया है और उनको गहरा घाव दिया है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सबसे पहले गरीबों, बेरोजगार और गरीब लोगों को राहत दी जानी चाहिए और उनके खातों में पैसा जमा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से फिर आग्रह है कि खज़ाने का ताला खोलिए और ज़रूरतमंदों को राहत दीजिये। हर परिवार को छह महीने के लिए 7,500 रुपए प्रति माह सीधे नकद भुगतान करें और उसमें से 10,000 रुपए उन्हें फौरन दें।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस के ‘स्पीक अप इंडिया’ अभियान में हिस्सा लेते हुए कहा कि कोविड के कारण हिन्दुस्तान में आज एक तूफान आया हुआ है। सबसे ज्यादा चोट गरीब जनता को लगी है। मजदूरों को हजारों किलोमीटर पैदल भूखा- प्यासा चलना पड़ा है। हमारी रीढ की हडडी लघु एवं मझौले उद्योग बंद हो रहे हैं। हिन्दुस्तान की जनता को आज कर्ज की जरुरत नहीं है, आज हिन्दुस्तान को पैसे की जरुरत है, गरीब जनता को पैसे की जरुरत है, इसलिए कांग्रेस पार्टी एक आवाज से सरकार से इस वर्ग को पैसा देने की मांग कर रही है।

वाड्रा ने सरकार से पीडितों की मदद करने का आग्रह किया और कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है और इस पर किसी भी स्तर पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं सब राजनीतिक पार्टियों, लेकिन ख़ास तौर से भाजपा के नेताओं से आग्रह करती हूं कि वे इस मुद्दे पर राजनीति बंद करें। यह राजनीति का समय नहीं है। यह समय है, जब पूरा देश इकट्ठा होना चाहिए। जब हर राजनीतिक पार्टी के नेताओं को इकट्ठा होकर लोगों की मदद करनी है।