जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि उच्चत्तम न्यायालय ने तीनों नए कृषि कानूनों पर अंतरिम रोक लगाकर किसानों के अधिकार एवं भविष्य की सुरक्षा को सुनिश्चित एवं भारतीय जनता पार्टी के कुचर्क को ध्वस्त कर दिया हैं।
पायलट ने आज न्यायालय द्वारा तीनों कृषि सुधार कानूनों के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा देने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में यह बात कही। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने तीनों कृषि विरोधी कानून पर स्टे लगाकर हमारे अन्नदाताओं के अधिकार एवं भविष्य की सुरक्षा को सुनिश्चित एवं भाजपा के कुचक्र को ध्वस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझ जाना चाहिए कि अन्याय एवं अहंकार से न्याय के संघर्ष की आवाज को दबाया नहीं जा सकता।
उधर, प्रदेश किसान संघर्ष समित के संयोजक हिम्मत सिंह गुर्जर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि 49 दिन बाद अधूरा इंसाफ मिला हैं, पूरा इंसाफ लेने का जुनून बरकरार हैं। वैसे यह काम केन्द्र की मोदी सरकार कर देती तो उसका बड़प्पन नजर आता। गुर्जर ने कहा कि ये कानून वापसी तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा और बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं होगी।
किसान आंदोलन में शामिल राजस्थान के किसानों का शाहजहांपुर बार्डर पर नेतृत्व कर रहे किसान महापंचायत के राष्ट्रीय रामपाल जाट ने कहा कि न्यायालय के निर्णय की कॉपी प्राप्त होने के बाद उसका अध्ययन करके प्रतिक्रिया देना उचित रहेगा। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने तीनों कृषि सुधार कानूनों के क्रियान्वयन को अगले आदेश तक निलंबित करने और एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है।