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कोरोना काल में विकास बाधित और 12 करोड़ हुए बेरोजगार : कांग्रेस - Sabguru News
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कोरोना काल में विकास बाधित और 12 करोड़ हुए बेरोजगार : कांग्रेस

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कोरोना काल में विकास बाधित और 12 करोड़ हुए बेरोजगार : कांग्रेस
Congress leader said that development was disrupted in Corona period and 12 crore unemployed
Congress leader said that development was disrupted in Corona period and 12 crore unemployed
Congress leader said that development was disrupted in Corona period and 12 crore unemployed

नई दिल्ली। कांग्रेस के दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को राज्य सभा में आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण विकास कार्य बाधित हो गया और बड़े पैमाने पर लोग बेरोजगार हो गये।

हुड्डा ने वित्त विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) लुढ़क कर 23.9 प्रतिशत ऋणात्मक हो गया था। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के पहले ही

अर्थव्यवस्था पटरी से उतरने लगी थी। वर्ष 2018 से 2020 के दौरान अर्थव्यवस्था आठ प्रतिशत से घटकर तीन प्रतिशत पर आ गयी।

उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल के दौरान जीडीपी 7.8 प्रतिशत थी जबकि मोदी सरकार के छह साल के दौरान यह 6.8 प्रतिशत पर आ गयी है। उन्होंने कहा कि यूपीए के दौरान औद्योगिक विकास दर 14 प्रतिशत और मांग 24 प्रतिशत थी जबकि अब यह घटकर नौ प्रतिशत हो गया है। इसी तरह से यूपीए के दौरान निर्यात 21 फीसदी वार्षिक थी जो अब तीन प्रतिशत हो गयी है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के एक अध्ययन में कहा गया है कि वर्ष 2021 तक गैर निष्पादित सम्पत्ति 13.5 प्रतिशत हो जायेगी। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि पिछले 30 साल के दौरान अर्थव्यवस्था में ऐसी मंदी नहीं आयी थी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान कल कारखाने बंद हो गये जिसके कारण करीब 12 करोड़ लोग बेरोजगार हो गये। इस दौरान गरीबों और अमीरों में अंतर बढ़ा और अमीरों की आय 33 प्रतिशत बढ़ी।

हुड्डा ने कहा कि एक ओर देश में पेट्रोल और डीजल पर दुनिया में सबसे अधिक कर लिया जाता है जो बोझ आम लोगों पर बढ़ता है जबकि दूसरी ओर कार्पोरेट टैक्स में कमी की जाती है। वर्ष 2014..15 में कार्पोरेट टैक्स 3.4 प्रतिशत था जो अब घटकर 2.3 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि एक सौ रुपये के पेट्रोल पर 63 रुपये और डीजल पर 31 रुपये का कर लिया जाता है । गैस के महंगी होने के कारण महिलाएं अब लकड़ी पर खाना पकाने को मजबूर हो गयी हैं।

उन्होंने कहा कि कोराेना काल के दौरान देश की अर्थव्यवस्था बचाने वाले किसान कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ पिछले चार माह से आन्दोलन कर रहे हैं। सरकार ने कृषि का बजट 8.5 प्रतिशत कम कर दिया है और किसानों के फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हमला किया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि किसानों की आय के दोगुनी होने का आधार क्या है। क्या वर्ष 2022 तक किसानों की आय 16000 रुपये प्रति माह हो जायेगी।

उन्होंने सरकार से किसानों की मांग पर ध्यान देने की अपील करते हुए कहा कि आन्दोलन के दौरान 300 किसानों की मौत हुयी है जिनके परिवार के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए।