महाराष्ट्र। महाराष्ट्र में एनपीआर लागू करने को लेकर कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता आपस में भिड़ गए हैं। यहां हम आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे की सरकार में कांग्रेस भी साझीदार है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में एनपीए लागू करने का ऐलान कर दिया है। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर पर बयान को लेकर कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम को निशाने पर लिया है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘टोटल कन्फ्यूजन है। पी चिदंबरम चाहते हैं कि एनपीआर का विरोध हो । इसके लिए उन्होंने जेएनयू के छात्रों को कुछ टिप्स दिए हैं। वहीं, महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने एक मई से 15 जून के बीच एनपीआर कराने का ऐलान किया है।
सभी राज्य एनपीआर के खिलाफ एक हो जाएं : पी चिदंबरम
गुरुवार को जेएनयू में कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम ने कहा था कि अगर सभी राज्य के लोग एनपीआर के खिलाफ लामबंद हो जाएं और राज्य सरकारें फैसला कर लें कि इसको लागू नहीं किया जाएगा, तो यह विफल हो जाएगा। राज्यों के सहयोग के बिना एनपीआर को लागू नहीं किया जा सकता है। चिदंबरम ने कहा था कि एनपीआर, एनआरसी और सीएए तीनों अलग हैं, लेकिन तीनों इंटरकनेक्टेड हैं।
पीएम मोदी और अमित शाह पर कांग्रेस नेता ने कसा तंज
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर भी तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि कुछ दिनों में मोदी यूनिवर्सिटी और और जूनियर अमित शाह यूनिवर्सिटी होंगी। नागरिकता को क्षेत्रीय आधार की जगह धार्मिक आधार पर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई देशों में धर्म के आधार पर नागरिकता दी जाती है, लेकिन भारत में ऐसा नहीं था।
नागरिकता देने के प्रावधान पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी ने सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान किया है। उन्होंने सवाल किया कि अगर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान हमारे पड़ोसी हैं, तो क्या भूटान, म्यांमार, चीन, श्रीलंका और नेपाल हमारे पड़ोसी नहीं हैं ?
अगर अल्पसंख्यकों के रिलिजियस परसिक्यूशन पर ही नागरिकता दे रहे हैं, तो फिर पाकिस्तान के अहमदिया, म्यांमार के रोहिंग्या, तमिल हिंदू-तमिल मुसलमान के लोगों के बारे में क्यों नहीं सोच रहे।
शंभू नाथ गौतम वरिष्ठ पत्रकार