अगरतला/संतीर बाजार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 18 फरवरी को होने वाले त्रिपुरा विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस और वाम दलों पर गुप्त समझौता करने का आरोप लगाया।
दो चुनावी रैलियों में मोदी ने कहा कि कांग्रेस और वाम पार्टियों में पश्चिम बंगाल और केरल की तरह त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भी गोपनीय समझौता हो चुका है। त्रिपुरा का भविष्य बदलने के लिए दोनों को अस्वीकार कर भारतीय जनता पार्टी को वोट दें।
उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों ने त्रिपुरा को बरबाद कर दिया है। इन पर भरोसा मत करें। कांग्रेस यहां अपने प्रत्याशी खड़े करके नाटक कर रही है क्योंकि कांग्रेस और वाम पार्टियों के बीच दिल्ली में दोस्ती हो चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि त्रिपुरा में चुनाव प्रचार के लिए कोई बड़ा कांग्रेस नेता नहीं आया क्योंकि उनके (कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) के बीच गोपनीय समझौता हो चुका है।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को ‘वोट कटिंग पार्टी’ की संज्ञा देते हुए कहा कि रविवार को हो रहे चुनावों में कांग्रेस, माकपा की सरकार बनाने में सहयोग कर रही है। मोदी ने जनता से वाम पार्टियों को जड़ से उखाड़ फेंकने और त्रिपुरा से दूर भेजने के लिए कहा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रोज वैली चिट फंड संगठन (कोलकाता की एक कंपनी) ने त्रिपुरा के 14 लाख लोगों के हजारों करोड़ रुपए ठग लिए। उन्होंने वाम पार्टियों पर इस घोटाले की जांच सही से नहीं कराने का आरोप लगाया।
मोदी ने उपस्थित जनसमूह से कहा कि सत्ता में आने के बाद भाजपा गरीबों का पैसा लूटने वाले महाघोटाले की जांच कराएगी।
वाम सरकार वाले त्रिपुरा में अपने चुनाव प्रचार के दूसरे चरण में मोदी ने गुरुवार को लगभग समान मुद्दों और विषयों पर दो चुनावी रैलियां संबोधित की। वह अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर से त्रिपुरा आए और दक्षिण त्रिपुरा के संतीर नगर में विशाल जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले अगरतला में एक अन्य चुनावी जनसभा को संबोधित किया।
इससे पहले आठ फरवरी को प्रधानमंत्री ने उत्तरी त्रिपुरा और पश्चिमी त्रिपुरा में दो जनसभाएं संबोधित की थीं। माकपा सरकार पर हमला करते हुए मोदी ने कहा कि हर योजना में 80 फीसदी अनुदान केंद्र का होने के बाद भी उस राशि का उचित उपयोग नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र ने बहुत पहले त्रिपुरा में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 988 करोड़ रुपए दिए थे लेकिन 650 करोड़ रुपए की अनुमानित राशि से हाल ही में परियोजना शुरू हुई है।