नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने जितिन मेहता मामले में कांग्रेस पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि कांग्रेस ने ही मेहता को भारी भरकम ऋण दिलाने और उसे सेंट किट्स एवं नेविस की नागरिकता दिलाने में मदद की थी, जबकि मोदी सरकार ने कामकाज संभालने के चंद माह के भीतर कार्रवाई शुरू कर दी थी।
वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एक मार्च को कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला के जितिन मेहता को लेकर किये गये दावे तथ्यात्मक रूप से बिल्कुल गलत है और उन्हें आश्चर्य है कि सुरजेवाला ने सही बात का पता लगाने का प्रयास तक नहीं किया।
पुरी ने कहा कि सचाई यह है कि जितिन मेहता को सितंबर 2010 से फरवरी 2013 के बीच ऋण दिया गया। मेहता ने कुछ ऋण संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के पहले कार्यकाल के दौरान हासिल किया था। उसे ऋण देने वाले बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, विजया बैंक, सिंडीकेट बैंक, यूनियन बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और स्टेन्डर्ड चार्टर्ड बैंक शामिल थे।
उसने और पत्नी सोनिया मेहता ने सिंगापुर स्थित भारतीय उच्चायोग से ओवरसीज़ सिटीज़न ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड हासिल कर लिया। उसका कुल ऋण 6712 करोड़ रुपए का है।
उन्होंने बताया कि इसी दौरान उसने नवंबर 2012 में कैरेबियाई द्वीप समूह में स्थित कर चोरों की पनाहगाह माने जाने वाले सेंट किट्स एवं नेविस की नागरिकता हासिल कर ली, लेेकिन भारतीय पासपोर्ट एवं नागरिकता को छोड़ा नहीं।
उसने सेंट किट्स एवं नेविस की नागरिकता हासिल करने के बाद चार बार भारतीय पासपोर्ट पर भारत की यात्रा की और फरवरी से जुलाई 2013 के बीच आठ बार सेंट किट्स एवं नेविस के पासपोर्ट पर भारत की यात्रा की। भारत में उसकी आखिरी यात्रा 25 जुलाई 2013 को हुई और वह उसी दिन बाहर भी गया।
उन्होंने कहा कि मई 2014 में मोदी सरकार के कार्यभार संभालने के तीन माह के भीतर मेहता के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई थी और सितंबर 2014 में बैंकों ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो को पहली शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद जांच के आगे बढ़ने पर नवंबर 2015, जून 2016 आैर नवंबर 2016 में उसके खिलाफ और मुकदमे दर्ज किए गए। दिसंबर 2016 में उसे जान-बूझकर ऋण अदा नहीं करने वाला घोषित कर दिया गया तथा अप्रेल 2017 में उसके विरुद्ध सात प्राथमिकी दर्ज की गईं।
भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव ने कहा कि कांग्रेस की स्थिति ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ वाली है। उन्होंने कहा कि बोफोर्स घोटाले के वक्त कांग्रेस सरकार के कुछ नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के पुत्र के नाम फर्जी बैंक खाते सेंट किट्स एवं नेविस में खुलवाने का प्रयास किया था। इससे साफ है कि कांग्रेस को इस देश से कोई पुराना संबंध है। इसीलिए मेहता को यहां की नागरिकता दिलाई गई है।
राव ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेतृत्व के इशारे पर ही मेहता और उसकी पत्नी को सिंगापुर से ओसीआई कार्ड जारी किये गये। उन्होंने कहा कि सबकुछ कांग्रेस के नेतृत्व से सांठगांठ से ही किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, संप्रग सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम जैसे बड़े व्यक्ति से कुछ भी छिपा नहीं था।
पुरी ने कहा कि मेहता और उसके जैसे सारे घोटालेबाज संप्रग के शासनकाल में पनपे और कांग्रेस के वरदहस्त से सबने भारी भरकम ऋण लेकर गबन किया तथा उसी ने अपना हिस्सा लेकर सबको बचाने की ज़मीन तैयार की है।