नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच लोकसभा चुनाव के लिए हुए गठबंधन पर आज कांग्रेस ने चुप्पी साध ली, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि पार्टी के उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद इस बारे में पार्टी का रूख जल्द स्पष्ट करेंगे।
उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधनों की बात है पार्टी का मानना है कि राज्यों में ऐसे गठबंधन ही उचित रास्ता हैं जो ‘भारत के विचार’ को बढावा देते हैं।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विभिन्न दलों के गठबंधन को ‘मजबूरी’ बताए जाने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि आप (प्रधानमंत्री) कह रहे हैं कि गठबंधन मजबूरी है तो हम आपसे पूछना चाहते हैं कि क्या वाजपेयी सरकार द्वारा किया गया गठबंधन मजबूत था या मजबूर था।
उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव मजबूत और मजबूर सरकार के बीच की लड़ाई नहीं होगी यह तानाशाही वाली सरकार और लोकतांत्रिक सरकार के बीच होगी। यह ‘भाषण’ और ‘प्रशासन’ के बीच की लड़ाई होगी।
उल्लेखनीय है कि सपा और बसपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने गठबंधन का शनिवार को लखनऊ में औपचारिक ऐलान कर दिया। गठबंधन में कांग्रेस शामिल नहीं है लेकिन सपा और बसपा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्रों अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवार नहीं खडा करने का निर्णय लिया है।