नई दिल्ली। जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वालों के ऋण माफ किए जाने को लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कोई ऋण माफ नहीं किया गया है और बैंक कर्जदारों से वसूली की कोशिश जारी रखते हैं लेकिन पूर्व कांग्रेस सांसद इस मामले को सनसनीखेज बना रहे हैं।
निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी और कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला के बयान पर मंगलवार देर रात एक साथ 13 ट्विट के माध्यम से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने जानबूझ कर बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वाले, फंसे कर्जों और राइट-ऑफ मामले पर लोगों तक गलत सूचना पहुंचाई है।
वर्ष 2009-10 और 2013-14 के बीच अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने 1,45,226 करोड़ रुपए की राशि को राइट-ऑफ किया था। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि राहुल गांधी ने डॉ मनमोहन सिंह से सलाह ली होगी कि यह राइट-ऑफ किस बारे में था।
उन्होंने कहा कि एनपीए के लिए रिजर्व बैंक के तय किए चार साल के प्रावधान के हिसाब से नियम तय किए गए हैं और इसके बाद ही बैंक एनपीए को राइट-ऑफ करते हैं। लेकिन वे लोन लेने वाले से कर्ज वसूली की कोशिश जारी रखते हैं। कोई ऋण माफ नहीं किया गया है।
वित्त मंत्री ने मेहुल चोकसी केस के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने बड़ा ऐक्शन लेते हुए चोकसी की 1936 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की है। इसमें 67.9 करोड़ रुपए की विदेशी संपत्ति भी शामिल है।इसके साथ ही 597.75 करोड़ की संपत्ति जब्त कर मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका है।
वित्त मंत्री ने विजय माल्या से लेकर नीरव मोदी तक से कर्ज वसूली के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कांग्रेस वाले तरीके से संदर्भ से बाहर निकालकर तथ्यों को सनसनीखेज बनाया है।
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