रीवा। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के वचन पत्र में शासकीय कार्यालयों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाएं प्रतिबंधित करने की बात पर मचा बवाल अभी शांत भी नहीं हुआ था कि पार्टी के एक विधायक के बयान ने एक बार फिर पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है।
कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी ने आज रीवा में संवाददाताओं से चर्चा में संघ को धर्म के आधार पर सामाजिक घृणा फैलाने वाला और संघ की गतिविधियों को आंतकवाद का प्रतीक बताया। हालांकि उनके इस बयान पर राजनीति तेज होने पर पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने इससे किनारा कर लिया।
तिवारी ने कहा कि संघ पूरी तरह राजनीतिक संगठन है। संघ ऐसा संगठन है जो धर्म के आधार पर समाज में और पूरे देश में घृणा फैलाता है। संघ की शाखाओं में कभी राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया जाता। ये सब कृत्य आतंकवाद के प्रतीक हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में संघ की शाखाओं पर प्रतिबंध की बात बिल्कुल सही कही है। वहीं कमलनाथ ने राजधानी भोपाल में इस बारे में संवाददाताओं के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि वे ये सब बातें नहीं मानते। उन्होंने कहा कि अगर संघ ऐसा संगठन होता, तो उस पर प्रतिबंध की बात की जाती।
कमलनाथ ने अपनी कल की बात को दोहराते हुए कहा कि संघ पर प्रतिबंध लगाने का उनका कोई मन, मंशा या उद्देश्य नहीं है। वे सिर्फ वही व्यवस्था लागू करना चाहते हैं, जो केंद्र सरकार में है और प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और बाबूलाल गौर के शासनकाल के समय में थी।
कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में कहा था कि प्रदेश में पार्टी की सरकार बनने पर शासकीय कार्यालयों में संघ की शाखाएं लगने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। वचन पत्र के इस बिंदु पर प्रदेश में राजनीति गर्मा गई।