बेंगलुरु | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर बिहार में विधानसभा चुनाव 2015 के दौरान लगा ‘बाहरी होने का तमगा’ का कर्नाटक में कोई असर नहीं होगा। बिहार की तरह कर्नाटक विधानसभा चुनावों में स्थानीय नेताओं ने कर्नाटक में मोदी और शाह के आदमकद कटआउट नहीं लगाकर उनको बेहतर ढ़ंग से प्रोजेक्ट किया है।
पार्टी संगठन के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, “2015 के बिहार विधानसभा चुनाव और कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में एक मौलिक अंतर है। बिहार में पार्टी ने मोदी और शाह के आदमकद कटआउट लगाकर अपने प्रतिद्वंद्वियों को एक अवसर दिया था। इससे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (सेक्यूलर) के चुनाव प्रचार की साख बढ़ी थी लेकिन कर्नाटक में हमने ऐसा नहीं किया।”सूत्रों के अनुसार कांग्रेस कर्नाटक में प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ ‘बाहरी का तमगा’ लगाने की पुरजोर कोशिश कर रही है लेकिन इस तरह के अभियान से लोगों पर इसका असर नहीं पड़ रहा है।
सूत्रों ने यहां बताया, “लोग भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी एस येद्दियुरप्पा को एक विश्वनीय नेता मानते हैं। इसके अलावा स्थानीय भाजपा नेता लाेगों को ध्यान आकर्षित करने वाले चुनावी अभियान की रणनीतियों को तैयार करने में लगे हुए थे। इसलिए यह कहना कि स्थानीय नेताओं की अनदेखी की गयी, सही नहीं होगा।”शीर्ष नेता ने कहा कि भाजपा ने ‘पेज प्रमुख’ के माध्यम से बूथ प्रबंधन क रणनीति तैयार करके तीन महीने पहले ही संगठन की ‘बड़ी कमजोरी’ को दूर कर लिया था।
पार्टी नेता ने जोर देकर कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को आगे बढ़ाने का कोई सवाल नहीं है। पार्टी ने 2019 के लिए चुनावी खाका तैयार कर लिया है। पार्टी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन करेंगी।