सबगुरु न्यूज। पतंजलि के योग गुरु बाबा रामदेव और कांग्रेस का झगड़ा लगभग 15 वर्ष पुराना है। कांग्रेस रामदेव को भाजपा के गुट का मानकर विरोध करती चली आ रही है। मनमोहन सरकार ने तो कांग्रेस ने बाबा रामदेव के दिल्ली में घुसने पर ही प्रतिबंध लगा दिया था। उसके बावजूद रामदेव दिल्ली पहुंचकर रैली की थी इससे गुस्साई कांग्रेस सरकार ने बाबा रामदेव को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे लेकिन तब रामदेव को रात में ही साड़ी पहन कर भागना पड़ा था।
तभी से दोनों के बीच जबरदस्त मनमुटाव चले आ रहे हैं। अब एक बार फिर रामदेव कांग्रेस नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। मंगलवार को योग गुरु रामदेव ने पूर्णा महामारी के उपचार के लिए कोरोनिल दवा बनाने का जैसे ही एलान किया कांग्रेस को मानो रामदेव पर हमला करने का मौका मिल गया। हालांकि रामदेव की दवा का उत्तराखंड सरकार और आयुष मंत्रालय ने भी आपत्ति जताई है।
महाराष्ट्र और राजस्थान सरकारों ने बाबा रामदेव को दी चेतावनी
महाराष्ट्र, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। जहां कांग्रेस की सरकार है वहां बाबा रामदेव आज भी जाने से सहमें रहते हैं, कहीं ऐसा न हो कि उनको यह दौरा भारी पड़ जाए। योग गुरु बाबा रामदेव की दवा कोरोनिल पर छिड़े विवाद के बीच राजस्थान सरकार के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने भी रोक लगा दी है। यही नहीं महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने रामदेव को चेतावनी देते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में नकली दवाएं नहीं बिकने देंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल के बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। बता दें कि आयुष मंत्रालय की आपत्ति के बाद राजस्थान रामदेव की दवा कोरोनिल की बिक्री पर रोक लगाने वाला पहला राज्य था। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि आयुष मंत्रालय की स्वीकृति के बिना कोरोना महामारी की दवा के रूप में किसी भी आयुर्वेदिक औषधि की बिक्री नहीं की जा सकती है। हालांकि अभी बाबा रामदेव की ओर से इन कांग्रेसियों के लिए कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन यह संभव है कि जल्द ही बाबा रामदेव कोई न कुछ जवाब जरूर देंगे।
कांग्रेस बाबा रामदेव और उनके उत्पादों का बहिष्कार करने में लगी हुई है
कांग्रेस के नेताओं को लगता है कि बाबा रामदेव भाजपा के एजेंट है कभी उनसे पिछले 10 सालों से लगातार हमले करती चली आ रही। 5 साल पहले दिल्ली में बाबा रामदेव की रैली में कांग्रेस ने रामदेव को बुरी तरह डरा भी दिया था। ऐसे ही 2017 में हरियाणा में एक कांग्रेसी नेता ने रामदेव पर मुकदमा भी दर्ज कराया था। अभी कुछ दिनों पहले ही इस बार भाजपा से कांग्रेस में आए नेता कीर्ति आजाद ने ही उन्हें योग पर चैलेंज दे दिया।
आपको बता दें कि केंद्र में कांग्रेस की मनमोहन सरकार वर्ष दो हजार 4 से 2009 तक रही थी इस बीच बाबा रामदेव के उत्पादों पर कांग्रेस की कड़ी नजर रहा करती थी। उसके बाद 2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार आई तभी से बाबा रामदेव पतंजलि के सामानों में अचानक भारी उछाल आ गया। रामदेव भाजपा नेताओं की नजदीकियां जगजाहिर हैं। पिछले 6 सालों से कांग्रेस बाबा रामदेव से गुस्सा बैठी थी। अब महामारी की दवा के बाद कांग्रेस को बाबा रामदेव पर हमला करने का मौका मिल गया है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार