नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार के चार साल आठ महीने के कार्यकाल में कुल 69 हजार 381 करोड़ रुपए के तीन स्पेक्ट्रम घोटाले होने का आरोप लगाते हुए साेमवार को कहा कि तीनों मामलों की पूरी तरह से जांच कराई जानी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यहाँ पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में तीन स्पेक्ट्रम घाेटाले किए गए हैं। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की एक रिपोर्ट में दूरसंचार स्पेक्ट्रम घोटाले का खुलासा किया गया है।
रिपाेर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार ने वर्ष 2015 में माइक्रोवेव स्पेक्ट्रम का आवंटन उच्चतम न्यायालय के निर्देश का उल्लंघन करते हुए ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर निजी कंपनियों को कर दिया। उन्होेंने कहा कि न्यायालय के निर्देशों के अनुसार स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के आधार पर किया जाना चाहिए। इससे सरकारी खजाने को 560 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने यह कदम कदम जानबूझकर और पूंजीपति मित्रों को फायदा देने के लिये उठाया था। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी का वास्तविक चरित्र सामने आता है।
केंद्र सरकार ने न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन तथा जनता का नुकसान किया है। उन्होेंने दो और स्पेक्ट्रम घोटालों का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी सरकार की नीतियों और निर्णयों से जनता को कुल 69 हजार 381 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।
उन्होेंने बताया कि मोदी सरकार ने निजी सेवा प्रदाताओं से 45 हजार करोड़ रुपए नहीं वसूले। यह स्पेक्ट्रम देरी से शुरू करने का जुर्माना है, जो मोदी ने अपने निजी मित्रों से नहीं लिया है। इसी तरह से छह साल के लिए 23 हजार 821 करोड़ रुपए की वसूली टाल दी है।