सबगुरु न्यूज। आज महीने का आखिरी संडे है। हर महीने के आखिरी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देशवासियों को भी ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम का इंतजार रहता है। आज मन की बात में पीएम मोदी ने तमाम मुद्दों पर देश के लोगों से साथ चर्चा की। इस कार्यक्रम में मोदी का देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे पीवी नरसिम्हा राव की प्रशंसा करना राजनीति के गलियारों में सुर्खियों में बन गया। आपको बता दें कि आज नरसिम्हा राव की जयंती भी है। जब मोदी मन की बात कार्यक्रम में देश को संबोधित कर रहे थे तब उनको यह जानकारी हो गई थी कि आज कांग्रेस के किसी नेता ने जन्मदिन पर नरसिम्हा राव को याद किया है न ही कोई श्रद्धांजलि दी है। ऐसे में पीएम मोदी जान गए कि यह सही मौका है नरसिम्हा राव की प्रशंसा करने के लिए और कांग्रेस की सच्चाई उजागर करने के लिए।
अपने मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने पहले दिवंगत नरसिम्हा राव को जन्मदिन पर श्रद्धांजलि दी और देश में लागू किए गए आर्थिक उदारीकरण के लिए खूब जबरदस्त सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि साल 1991 ने भारत को पूरी तरह से बदल दिया था। इस साल भारत ने आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुई थी और बाजार को विदेशी पूंजी के लिए खोला जाने लगा था। आर्थिक तौर पर देश को मजबूती देने वाले इस कदम के पीछे थे तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ मनमोहन सिंह और उनके इस सुधार के जनक थे तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव थे। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि इन दोनों नेताओं ने उस समय खस्ताहाल देश की तस्वीर बदलने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। पीएम मोदी ने कहा नरसिम्हा राव अपनी किशोरावस्था में ही स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए थे। छोटी उम्र से ही वे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने में आगे थे।
मोदी के बाद भाजपा के कई बड़े नेता नरसिम्हा राव को याद करने लगे
मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नरसिम्हा राव को श्रद्धांजलि देने के बाद कई भाजपा नेता भी इस दौड़ में शामिल हो गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी नरसिम्हा राव को जन्मदिन पर श्रद्धांजलि दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की प्रगति में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। राजनाथ सिंह ने भी नरसिम्हा राव के आर्थिक उदारीकरण की जमकर सराहना की। पीएम मोदी की नरसिम्हा राव प्रशंसा वाले बयान पर तमाम चैनलों ने भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच डिबेट गाना शुरू कर दिया।
टीवी चैनलों में भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा समेत तमाम भाजपा के बड़े नेताओं ने कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की खुलकर प्रशंसा प्रशंसा करनी शुरू कर दी। इस दौरान कांग्रेस के कई नेता भी मौजूद रहे लेकिन वह इस मामले में अपने आप को किनारे ही करते दिखाई पड़े। कांग्रेस अपने नेता को भूल गई। आज कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने नरसिम्हा राव की जयंती पर याद करते हुए कोई ट्वीट नहीं किया। यही नहीं कांग्रेस ने नरसिम्हा राव के लिए किसी श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया।
कांग्रेस पार्टी ने सिर्फ अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सिर्फ एक ट्वीट करके सिर्फ रस्म अदायगी कर दी। गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की मृत्यु के बाद भी कांग्रेसी नेताओं ने उनसे अपने आप को अलग कर लिया था। परिजनों का आरोप है कि कांग्रेस के नेताओं ने दिल्ली में नरसिम्हा राव के अंतिम संस्कार के लिए दो गज जमीन भी नहीं दी गई, इतना ही नहीं नरसिम्हा राव के पार्थिव शरीर को कांग्रेस के मुख्यालय में प्रवेश नहीं दिया गया। इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री का इस तरह का अपमान कभी नहीं हुआ।
कांग्रेस के केंद्र पर किए जा रहे हमले को लेकर मोदी को नरसिम्हा राव की करनी पड़ी तारीफ
नागरिकता संशोधन कानून, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 या चीन समेत आदि मुद्दे पर कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर हमले कर रही है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कई कांग्रेसी पीएम मोदी से जवाब मांग रहे हैं। ऐसे में पीएम मोदी ने भी आज मन की बात कार्यक्रम में उन्हीं की पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री और दिवंगत नरसिम्हा राव की तारीफ कर कांग्रेस को चित कर दिया। कांग्रेस के द्वारा यह मौका हाथ से गंवाने के बाद पीएम मोदी ने इसे देश के सामने भुनाने में देर नहीं की। आइए अब नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री के समय की बात कर ली जाए। हम आपको 30 वर्ष पहले भारत की राजनीति के लिए चलते हैं। वर्ष 1990 में चंद्रशेखर देश के आठवें प्रधानमंत्री बने थे।
छह-सात महीने के अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान चंदशेखर के समय देश की अर्थव्यवस्था नाजुक दौर में पहुंच गई थी, यहां तक भारत को अपना सोना भी विदेशों में गिरवी रखना पड़ा था। उसके बाद वर्ष 1991 में लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद पीवी नरसिम्हा राव ने प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली। नरसिम्हा राव देश के नौवें प्रधानमंत्री बने थे। उनका कार्यकाल 1991 से 1996 तक रहा।
राव ने अर्थव्यवस्था के लिहाज से आजादी के बाद सबसे क्रांतिकारी कदम उठाया था। देश ने इस दौरान उदारीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों को अपनाया था, जिसने देश की तरक्की को नई राह दी। उस समय मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे, जो बाद में प्रधानमंत्री बने। नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री का कार्यकाल पूरा करने वाले कांग्रेस की तरफ से नेहरू-गांधी परिवार के इतर पहले राजनेता थे। गौरतलब है कि नरसिम्हा राव का निधन 23 दिसंबर 2004 को दिल्ली में हुआ था।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार