नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर सत्याग्रह के जगह मिथ्याग्रह और भ्रम की राजनीति करने का आज आरोप लगाया और कहा कि राजघाट पर अहिंसा के लिए अनशन के नाम पर किए जा रहे उपवास का पर्दाफाश हो गया है।
भाजपा प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा और डॉ. विजय सोनकर शास्त्री ने कहा कि भारत में सत्याग्रह की परंपरा रही है लेकिन गांधी मिथ्याग्रह कर रहे हैं और भ्रम की राजनीति फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि अहिंसा के नाम पर उपवास के ढोंग में कांग्रेस खुद अपने जाल में फंस गई है।
राजघाट पर बापू की समाधि पर सिख दंगाें के आरोपी जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार के आने पर जिस प्रकार का माहौल बना आैर जिस प्रकार से उन्हें राजघाट से जाना पड़ा, उससे कांग्रेस नेताओं की हिंसा की असली सोच उजागर हो गई जिसने 1984 में हज़ारों निर्दोष सिखों को मौत के घाट उतार दिया था।
डॉ. पात्रा ने कहा कि यह उपवास के नाम पर उपहास था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दंगा मास्टर कहा जाता रहा है क्योंकि उसने 1984 में तीन हजार सिखों को मौत के घाट उतारने का काम किया।
इसी प्रकार से दलितों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले कांग्रेस अध्यक्ष बताएं कि हरियाणा में कांग्रेस के शासन में मिर्चपुर, गोहाना और झज्जर की घटनाओं के लिए उन्होंने क्या कभी एक वक्त का खाना छोड़ा था। उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के सचिव को फोन पर हिंसा फैलाने का निर्देश देते हुए पकड़ा गया था।
उन्होंने यह भी पूछा कि क्या राहुल गांधी को नहीं पता है कि 1984 में उनके पिता ने कहा था कि जब एक बड़ा वृक्ष गिरता है तो धरती हिलती है। उस पेड़ पर घोंसला बना कर रहने वाले लोगों ने उनके पिता के इशारे पर हिंसा की थी।
उन्होंने कहा कि गांधी के परिवार के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने डॉ. बीआर अंबेडकर को तिल-तिल कर मारने का प्रयास किया। कांग्रेस ने ही उन्हें 1989 तक भारत रत्न नहीं मिलने दिया।
उन्होंने नेहरू मंत्रिमंडल से डॉ. अंबेडकर के छह पृष्ठ वाले त्यागपत्र के अंश को पढ़कर सुनाया और आरोप लगाया कि पं. नेहरू के जमाने से तुष्टीकरण की राजनीति होती रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा एेसी पार्टी है जो डॉ. अंबेडकर की विचारधारा पर चलती है अौर उनकी किताबों का अनुसरण करती है।
डॉ. पात्रा ने कहा कि कनार्टक में पांच साल से कांग्रेस की सरकार है और इस दौरान 9080 दलितों पर अत्याचार किया गया और 358 दलितों की हत्या हुई। 809 दलित महिलाओं का उत्पीड़न किया गया। क्या गांधी कर्नाटक के दलितों के लिए उपवास करेंगे। उन्होंने कहा कि यह गांधी का ‘फास्ट’ नहीं है बल्कि ‘फास्ट ट्रैक’ राजनीति है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी खुद को ‘रिलॉन्च’ करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि गांधी में गुण होंगे तो जनता खुद ही उन्हें चुन लेगी लेकिन रिलॉंचिंग के लिए देश को तोड़ने की राजनीति उचित नहीं है। भाजपा इसके विरुद्ध आवाज उठाएगी और विरोध करेगी।
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