नयी दिल्ली । कांग्रेस ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर एक बार फिर गलतबयानी का आरोप लगाते हुये लोकसभा में आज हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की खराब वित्तीय स्थिति और कंपनी के कर्मचारियों के वेतन का मुद्दा उठाया तथा इस बात पर पूरी बात रखने की इजाजत नहीं मिलने पर सदन में हँगामा किया।
शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि सीतारमण ने सदन में गलत तथ्य पेश किये हैं। उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्री ने शून्यकाल से पहले एक बयान दिया था जिसमें कहा गया था कि एचएएल के संदर्भ में 04 जनवरी को सदन में दिये गये उनके बयान पर संदेह किया जा रहा था जो गलत है। उन्होंने एचएएल के ऑर्डर के आँकड़े पेश करते हुये बताया था कि उन्होंने जो कहा था वह तथ्य सही हैं।
खडगे ने कहा कि श्रीमती सीतारमण ने सदन में फिर गलत तथ्य पेश किया है। उन्होंने कहा कि एचएएल के हाथ में नकदी ऋणात्मक में चली गयी है और अपने कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करने के लिए कंपनी को 1,000 करोड़ रुपये का ऋण लेना पड़ा है।
कांग्रेस नेता ने एचएएल के अध्यक्ष आर. माधवन नायर के बयान का हवाला देते हुये कहा कि कंपनी के पास हमेशा अच्छी नकदी रहती थी। यह पहली बार है जब उसे नकदी संकट का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि एचएएल में 29,035 कर्मचारी कार्यरत हैं। हर महीने वेतन के मद में उसे 358 करोड़ रुपये देना होता है और उसका कुल मासिक खर्च 1,400 करोड़ रुपये है। वहीं, सैन्य बलों के पास कंपनी का 15,700 करोड़ रुपये बकाया है। कंपनी ऑर्डर बुक 61,000 करोड़ रुपये का है, लेकिन इसका आकार लगातार घटता जा रहा है।
इसके बाद श्री खडगे ने एचएएल को मिले ऑर्डर के आँकड़े पढ़ने शुरू किये जिस पर भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हँगामा करने लगे। अध्यक्ष ने खडगे को आगे बोलने से रोकते हुये अगले वक्ता समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव का नाम पुकारा तो श्री खडगे ने आपत्ति की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राफेल सौदे की संयुक्त संसदीय समिति से जाँच कराने की इसीलिए माँग कर रही है क्योंकि उसमें एचएएल को जो ऑर्डर मिलने वाले थे वह एक निजी कंपनी को दे दिये गये।
इस पर अध्यक्ष ने कहा “पहले आप रक्षा मंत्री का पूरा बयान पढ़िये और उसके बाद बोलिये। शून्यकाल में लंबा भाषण नहीं होता है।” इसके बाद उन्होंने यादव को बोलने का मौका दिया।