

नयी दिल्ली कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास देश को इस संकट से उबारने की न क्षमता है और न कोई ठोस दृष्टिकोण है।
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में अर्थव्यवस्था को लेकर सीतारमण की प्रेस कांफ्रेंस का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने जो कुछ कहा है वह सिर्फ निराशाजनक है और उसमें अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कोई उपाय देश के समक्ष नहीं रखे गये हैं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था जिस हाल में पहुंच गयी है उसे वहां से बाहर लाने की वित्त मंत्री की क्षमता नहीं है और इसको लेकर उनके पास कोई विजन भी नहीं है। उनके पास देश की अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने के लिए कोई उपाय नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था का हाल यह है कि जीडीपी पांच प्रतिशत तक पहुंच गयी है और रोजगार लगातार टूट रहा है। अगस्त से अब तक अकेले आटो सेक्टर में कमर्शियल वाहनों का निर्माण 19 से 20 प्रतिशत घट गया है और पैसेंजर कारों का निर्माण 41 प्रतिशत तक टूटा है तथा दोपहिया वाहनों का निर्माण 22 प्रतिशत कम हुआ है। आटोमोबाइल क्षेत्र में 21 साल में सबसे बडा संकट आया है।
प्रवक्ता ने कहा कि देश की अर्थव्यवसथा को विकास के रास्ते पर लाने के लिए निवेश की जरूरत होती है और यह निवेश सरकार की तरफ से आना चाहिए। सरकार जब तक निवेश नहीं करेगी तब तक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना आसान नहीं होगा लेकिन सीतारमण ने इस बारे में देश को कोई आश्वासन नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार का राजस्व लगातार घट रहा है और इस बार भी 18 प्रतिशत के लक्ष्य के मुकाबले अब तक यह सिर्फ छह प्रतिशत तक पहुंचा है।
शर्मा ने कहा कि देश में आर्थिक संकट को लेकर जो स्थिति बनी हुई है अगर वह नहीं बदलती तो देश को कुछ माह में सरकार की दिशा विहीनता के कारण अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझना पडेगा। सरकार ने 100 दिन के काम का खूब प्रचार किया है लेकिन उसके खाते में इन 100 दिनों में कुछ भी उपलब्धि नहीं है। निर्यात के स्तर पर उसके पिछले पांच साल बहुत कमजोर रहे हैं।