जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप पर की गई टिप्पणी पर एतराज एवं पलटवार करते हुए इस तरह की टिप्पणियां करने को औछी एवं वोट बैंक को खुश करने की मानसिकता करार दिया और कहा है कि इस पर कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने आज फिर बयान जारी कर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है, जो कांग्रेस की परंपरा रही है कि वह वोट बैंक एवं तुष्टीकरण की राजनीति करती हैं, इतिहास में जब जब उन्होंने पढ़ाया हैं विकृत इतिहास पढ़ाया हैं, उनकी नजर में अकबर महान है लेकिन इस देश में तो महाराणा प्रताप ही महान रहेंगे।
जो बयान उन्होंने दिया जिसमें महाराणा प्रताप एवं अकबर के संघर्ष को सत्ता का संघर्ष बताया है। यह पूरी दूनिया जानती हैं कि हल्दी घाटी की वह माटी जिसे दुनियां पूजती हैं। वह उस संघर्ष का प्रतीक है जो राष्ट्रवाद के लिए लड़ा गया, देश की अस्मिता और स्वाभीमान के लिए लड़ा गया।
उन्होंने कहा कि मुगलों से इतना विकट संघर्ष, इसका इतिहास साक्षी हैं। इसलिए इस तरह की टिप्पणियां करना यह औछी मानसिकता है और केवल अपना वेाट बैंक को राजी एवं खुश करने की मानसिकता हैं।
उन्होंने कहा कि समय बदल गया और पीढ़ी बदल गई, इस लिहाज से जो प्रमाणिक इतिहास हैं उसे बदला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि इस अमर्यादित टिप्पणी पर प्रदेश कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए और भविष्य में इस तरह की टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए।
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी कहा कि महाराणा प्रताप एवं अकबर के संघर्ष को सिर्फ़ सत्ता की लड़ाई बताकर कांग्रेस ने मेवाड़ के स्वाभिमानी इतिहास को ललकारा है। महाराणा प्रताप ने आजीवन मातृभूमि की रक्षा का संकल्प जारी रखा।
राजे ने कहा कि अकबर के साथ महाराणा प्रताप का युद्ध सत्ता संघर्ष नहीं, बल्कि राष्ट्र सुरक्षा का संघर्ष था। उन्होंने मेवाड़ के स्वाभिमान की खातिर जंगलों में घास की रोटियां तक खाई, ऐसे पराक्रमी योद्धा के अपमान पर कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से जनता से माफी मांगनी चाहिए।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कहा कि इस मामले में तत्काल माफी मांगनी चाहिए और अगली बार महाराणा प्रताप का नाम सियासी जुबान पर न लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डोटासराजी इटालियन कोचिंग से सीखा अपना इतिहास हमें न बांचें।
शेखावत ने कहा कि महाराणा प्रताप ने अकबर से स्वतंत्रता के लिए रण किया था, धर्म रक्षा का युद्ध किया था, मरुधरा के परचम को ऊंचा रखने की जंग की थी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मुगल चले गए अपने पीछे कांग्रेसी एजेंटों को छोड़कर जो मातृभूमि के सम्मान की लड़ाई को सत्ता से जोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि डोटासरा किस आधार पर कह रहे हैं कि महाराणा प्रताप ने अकबर से सत्ता के लिए युद्ध किया था।
इसी तरह केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कांग्रेस के नेता कभी कहते है कि भगवान राम काल्पनिक है और इस बार डोटासरा ने अकबर और महाराणा प्रताप के संघर्ष को सत्ता के लिए बता दिया। तुष्टीकरण के लिए बार बार ऐसे बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सिर्फ सत्ता का ध्यान रखने वाली कांग्रेस धर्मरक्षा, स्वाभिमान, मातृभूमि की स्वतंत्रता एवं सम्मान के बारे में भला क्या जानेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान देकर बयानवीर बनने की नाकाम कोशिश करने वाले डोटासरा को इतिहास के प्रति जानकारी दुरूस्त करके राजस्थान की जनता से वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के इस अपमान के लिए माफी मांगनी चाहिए।