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पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से कांग्रेस भडकी - Sabguru News
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पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से कांग्रेस भडकी

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पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से कांग्रेस भडकी

नई दिल्ली। कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपए प्रति लीटर की वृद्धि करने के सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम गिरने का लाभ देश के उपभोक्ताओं को नहीं देना जनता के साथ अन्याय है।

कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को बढ़े उत्पादन शुल्क को तुरंत वापस लेना चाहिए और पेट्रोल एवं डीजल को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में लाकर इनकी कीमत 40 फीसदी तक घटानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि तेल की कीमत घटनी जरूरी है और कांग्रेस इसके लिए सरकार पर दबाव बनाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी जनता के साथ हो रहे इस अन्याय को लेकर संसद में सरकार से सवाल पूछेगी। संसद तथा संसद से बाहर जनता की आवाज बनकर कांग्रेस इस मुद्दे को बुलंदी के साथ उठाएगी और जब तक देश की जनता की यह मांग पूरी नहीं होती है इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से उठाती रहेगी।

सरकार के तेल से की जा रही कमाई का पैसा समाज कल्याण के कार्यों में खर्च करने संबंधी बयान पर श्री माकन ने सवाल किया कि जब लोगों का कल्याण ही करना है तो यह काम जनता को सीधे पैसे देकर भी किया जा सकता है मगर ऐसा नहीं किया जा रहा है। जो पैसे सीधे जनता की जेब में जाएगा उससे लोगों का बड़ा कल्याण होगा। समाज कल्याण का मतलब समाज के हर तबके से है और सभी लोग डीजल पेट्रोल का इस्तेमाल करते है। किसान डीजल पंपसेट चलाते हैं इसलिए यह फायदा उन्हें सीधे मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम गिरे हैं, उसी हिसाब से देश में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस तथा सीएनजी की कीमतें कम होनी चाहिए। सरकार को इन घटी दरों पर अनाप-शनाप लाभ कमाने की बजाए इसका सीधा फायदा देश की जनता को देना चाहिए और पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें कम करनी चाहिए।

विश्व बाजार में कच्चे तेल की कीमत आज 35 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई हैं लेकिन हमारी सरकार उसका फायदा जनता को देने की बजाय खुद मुनाफा कमा रही है औऱ लोगों की जेब पर बोझ डाल रही है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि वर्ष 2004 के जून-जुलाई में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल का मूल्य 35 डॉलर के करीब था तो हमारे यहां डीजल का 22 रुपए 74 पैसा प्रति लीटर तथा पेट्रोल 35 रुपए 71 पैसे लीटर था। एलपीजी का सिलेंडर 281 रुपए 60 पैसे था लेकिन आज उससे लगभग तीन गुना ज्यादा दाम पर डीजल मिल रहा है। डीजल 62 रुपए 81 पैसे और पेट्रोल 70 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा पर मिल रहा है। एलपीजी सिलेंडर 858 रुपए का है।

माकन ने कहा कि सरकार ने आज दाम कम करने की बजाय तेल पर एक्साइज ड्यूटी तीन रुपए बढ़ा दी है। पेट्रोल एक रुपए बढा दिया है और डीजल रोड़ सैस के तौर पर बढ़ा दिया है। सरकार कहती है कि इस कदम से करीब 40 हजार करोड़ रुपए का उसे मुनाफा होगा। हैरानी की बात ये है कि प्रधानमंत्री के आर्थिक परिषद के सलाहकार डॉ. निलेश शाह ने कल ही कहा है कि विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम घटने से सरकार को तीन लाख 40 हजार करोड़ रुपए का फायदा हुआ है।

उन्होंने कहा कि 2004 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल जो दाम थे आज यह लगभग उसी कीमत पर है लेकिन सरकार जनता से इसकी कीमत कहीं ज्यादा वसूल रही है। इस तरह से एक मोटर साईकिल पर 10 लीटर पेट्रोल भरवाने पर करीब 343 रुपए और स्कूटर पर पांच लीटर पेट्रोल भरवाने पर 171 रुपए फालतू लिए जा रहे हैं। इसी प्रकार कार पर 40 लीटर डीजल भरवाने पर लगभग 1600 रुपए अधिक देने पड़ रहे हैं। इस तरह से सरकार पेट्रोल या डीजल लेने वालों की जेब पर डाका डाल रही है।

प्रवक्ता ने सरकार से कच्चे तेल के घटे दाम का फायदा सीधे लोगों को देने की मांग करते हुए कहा कि पेट्रोल तथा डीजल की कीमत 40 प्रतिशत तक घटाई जाए। इसके साथ ही पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने पेट्रोल पर 2014 से एक्साइज ड्यूटी और कस्टम नौ रुपए 48 पैसे से बढ़ाकर 22 रुपए 98 पैसे और डीजल पर तीन रुपए 56 पैसे से बढ़ाकर 18 रुपए 33 पैसे कर दिया है और इसे तुरंत वापस लेना चाहिए।

पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 3 रुपए प्रति लीटर बढ़ोतरी